पाक का नया पैंतरा, फिर की फायरिंग
श्रीनगर/इस्लामाबाद,
भारतीय सेना की गोलाबारी में हुए नुकसान से रूबरू करवाने के लिए छह देशों के दूतों को नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर लाने के एक दिन बाद पाकिस्तानी सेना ने शनिवार को भारतीय सीमा में भारी गोलाबारी की.
पाकिस्तानी सेना की इस गोलाबारी से स्यालकोट और चुरंदा गांवों के सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा और पांच मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए. उसके बाद भारतीय सेना ने भी कड़ा जवाब दिया.
शनिवार सुबह गोलाबारी शुरू करने से पहले पाकिस्तानी जवानों ने लाउडस्पीकर से भारत के सीमावर्ती इलाकों के लोगों को भागने की हिदायत दी. पाकिस्तानी जवानों ने अपने चकोठी पोस्ट से लाउडस्पीकरों के जरिए ऐलान किया, मकबूजा कश्मीर (भारतीय क्षेत्र में पडऩेवाला कश्मीर का इलाका) के लोग सुरक्षित जगहों पर चले जाएं ताकि आपको भारतीय सेना की गोलाबारी के जवाब का नुकसान नहीं भुगतना पड़े.
चकोठी पोस्ट भारत में बारामुला जिले के उड़ी सेक्टर से लगे पाकिस्तानी इलाके मे हैं. महज 24 घंटे पहले क्रॉस बॉर्डर फायरिंग की तरफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित करने के लिए पाकिस्तान सरकार विभिन्न देशों के राजदूतों को रावलकोट सेक्टर लेकर आई. पाकिस्तान आर्मी ने कहा कि इस दौरे का मकसद राजदूतों को भारतीय सैनिकों की ओर से लगातार संघर्ष विराम के उल्लंघन के मद्देनजर ताजा हालात की प्रत्यक्ष जानकारी देना था. रावलकोट पुंछ जिले से सटा पाकिस्तानी इलाका हैं.
शुक्रवार को पाकिस्तान आर्मी के मीडिया आर्म इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने कहा कि अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, चीन, तुर्की और इंडोनेशिया के दूतों को भारत के अत्याचारों जिनमें नागिरकों को निशाना बनाना भी शामिल है, की जानकारी दी गई. आईएसपीआर ने कहा कि हाल के हफ्तों में भारत की गोलाबारी से कुछ नागरिकों को भी नुकसान पहुंचा है.
उसने कहा कि छह देशों को दूतों ने सीमा पार गोलाबारी के पीडि़तों से बातचीत की. पाकिस्तानी आर्मी ने उन दूतों को पाक अधिकृत कश्मीर में चलाए जा रहे राहत अभियान की भी जानकारी दी.