रहवासियों ने कहा कि आप आये इसलिए बढ़ा दिया पानी का प्रेशर
भोपाल, शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा भेजी निगरानी समिति ने 18 यूनियन कार्बाइड प्रभावित इलाकों में रहवासियों से पेयजल सप्लाई को लेकर उनकी प्रतिक्रिया जानी.
भोपाल गु्रप फॉर इनफॉर्मेशन एंड एक्शन के सदस्यों ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी थी कि यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे से भोपाल की 20 नई कॉलोनियों में रहवासियों को खतरा बढ़ा हैं, क्योंकि बारिश के पानी के साथ कचरे से निकलने वाला जहर भूमिगत जल स्त्रोतों में मिल रहा हैं. रहवासी यही पानी पीने के लिए मजबूर है, इस दलील पर कोर्ट ने 2012 में एक जांच कमेटी बनाई थी.
वहीं कमेटी जांच करने भोपाल में प्रभावित इलाकों में गई तथा रहवासियों से बात की तो उन्होंने बताया कि हमारी कॉलोनी में कई घरों में निगम ने कनेक्शन नहीं दिए.
कनेक्शन के नाम पर निगम पैसे की मांग करता है, और हम इतने सक्षम नहीं की निगम द्वारा मांगे जा रहे पैसे देकर कनेक्शन ले सकें. जहां कहीं लाइन हैं वहां पानी गंदा आ रहा हैं. आज आप आने वाले इसलिए पानी का प्रेशर इतना आ रहा वरना पानी का प्रेशर तक नहीं आता हैं. कई परिवार तो ट्यूबवेल का पानी पीने को मजबूर हैं.
20 नई कॉलोनियां है प्रभावित
टीम ने 20 नई कॉलोनियों की प्रभावित होने की बात कही. इन बस्तियों में जहरीले कचरे का खतरा बढ़ा है. यहां पानी कैसा मिल रहा व कि तना मिल रहा हैं इसके लिए गुरुवार व शुक्रवार को कई जगह से सैंपल लिये गये. यह समिति अपनी रिपोर्ट 18 जुलाई को कोर्ट को सौंपेगी . उन्होंने आज राजगढ़ कॉलोनी, फूटा मकबरा, संत कंवरराम नगर, एकता पार्क, छोला मंदिर व अन्य कई जगहों का दौरा किया.
हम कोर्ट को बता चुके हैं कि कई परिवारों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं हैं. इन पर हजारों रुपये बकाया हैं. उनकी स्थिति ठीक नहीं है, कोर्ट कई बार उनको फ्री कनेक्शन देने को कह चुका हैं, लेकिन निगम उन्हें नहीं दे रहा हैं.
-रचना ढ़ीगरा, सदस्य,भोपाल गु्रप फॉर इनफॉर्मेशन एंड एक्शन