विशेष प्रतिनिधि
इन्दौर, संत भय्यू महाराज की मौत का रहस्य और गहरा गया है. सतही तौर पर पारिवारिक कलह के कारण उनके द्वारा आत्महत्या करना बताया जा रहा है, लेकिन मौत के पहले चला घटनाक्रम कुछ और संकेत भी दे रहा है!
भय्यू महाराज की मौत के बाद उनकी नई पत्नी डॉ. आयुषी और पहली पत्नी माधवी से जन्मी बिटिया कुहू के बीच चरम स्तर की कलह को मौत का कारण बताया जा रहा है. लेकिन जो संत आम आदमी से लेकर केन्द्र और राज्य सरकारों के सामने आने वाले तनावों को चुटकियों में निपटा देता था, वह इस घर-घर की कहानी वाली पारिवारिक कलह के कारण जान दे देगा? यह सवाल जनमानस के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है.
यह भी तब जब कि भय्यू महाराज के पास नाम, शोहरत, प्रभाव, सम्मोहक व्यक्तित्व, उच्च स्तरीय सम्पर्क से लेकर धन-संपदा, सब कुछ तो उनके पास था. फिर उनको इस मुद्दे पर आत्महत्या करने की जरूरत ही क्या थी? वे इस समस्या का समाधान करने में भी स्वयं समर्थ थे.
उन्होंने अपने सुसाइड नोट में कहीं भी पारिवारिक कलह का उल्लेख न करते हुये ‘तनाव’ का उल्लेख किया है. यह ‘तनाव’ ही अपने में कई रहस्य छिपाये हुये है कि आखिर कौन उन्हें ऐसा तनाव दे रहा था, जिससे उनको मौत को गले लगाना पड़ा है.
भय्यू महाराज की पार्थिव देह पंचतत्व में विलीन
इंदौर में निवासरत आध्यात्मिक संत उदय सिंह देशमुख (भय्यू महाराज) की पार्थिव देह पंचतत्व में विलीन हो गई. यहां स्थित सयाजी मुक्तिधाम में उनकी बेटी कुहू ने उन्हें मुखाग्नि दी. भय्यू महाराज को श्रद्धांजलि देने और उनके अंतिम दर्शन के लिए केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले, महाराष्ट्र की कैबिनेट मंत्री पंकजा मुंडे और कांग्रेस नेता शोभा ओझा समेत इंदौर के कई स्थानीय नेता और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे.
वे फोन कॉल्स किसके थे?
मौत के एक दिन पहले भय्यू महाराज अपनी बेटी से मिलने पुणे जा रहे थे. उनके सेवादार विनायक और शेखर के अनुसार उस दिन उन्होंने फोन खुद अपने पास ही रखा था. रास्ते में फोन आ रहे थे-भय्यू महाराज इनके सामने कोई बात नहीं करते हुये गाड़ी से उतर कर बात कर रहे थे. इस दौरान वे बहुत ज्यादा तनाव में आ जाते थे. लेकिन सहायकों को कुछ बता नहीं रहे थे. घर से निकलते वक्त भी तनाव में थे और कोई फोन कर रहा था. सवाल यह उठता है कि वे कॉल्स किसके थे और क्या मौत से इनका भी कोई कनेक्शन है?
सेंधवा से क्यों लौटे?
वे पुणे जाने के दौरान सेंधवा से लौट आये थे. कहा ये जा रहा है कि उनकी बेटी के कहने पर लौटे. सवाल यह उठता है कि कहीं इनमें से किसी कॉल्स पर तो वे वापस नहीं लौटे और मौत का कोई कनेक्शन वापस
लौटने से तो नहीं है?
पूर्व हमलों का कोई कनेक्शन तो नहीं? : भय्यू महाराज पर दो बार महाराष्ट्र में हमले हो चुके हैं. इन हमलों के पीछे प्रॉपर्टी-विवाद बताया जा रहा है. क्या इस मौत के पीछे पारिवारिक कलह के अलावा प्रॉपर्टी या किसी अन्य पर उनको कोई ऐसा तनाव तो नहीं था जो उनकी मौत का कारण बना?
प्राय: दिग्गज नेताओं ने किया किनारा! : भय्यू महाराज के अंतिम संस्कार में देश और प्रदेश के प्राय: दिग्गज नेताओं ने किनारा किया. क्या मौत के कारणों को लेकर पुलिस-प्रशासन की ओर से ऐसी कोई सलाह दी गई है, जिसकी वजह से इन नेताओं ने आना उचित नहीं समझा हो?
क्या सुसाइड नोट में कुछ संदिग्ध है? : भय्यू महाराज के दो पन्नों के लिखे सुसाइड नोट में स्पाइरल एक में ऊपर तो दूसरे में साइड में है. डायरियों के पन्ने अलग-अलग हैं. दोनों पेजों की स्याही भी अलग-अलग है. पुलिस ने दोनों पेजों को एक साथ सार्वजनिक भी नहीं किया था. विनायक को सम्पत्ति के लिये जिम्मेदार बताते हुये यह भी लिखा कि मैं इस समय अकेला हूं और किसी के दबाव में नहीं लिख रहा हूं. यह वाक्य ही अपने आपमें कई सवालों को जन्म दे रहा है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस सुसाइड नोट की फोरेंसिक जांच करवाई जायेगी और विनायक से पृथक से पूछताछ की जायेगी. यदि ऐसा कुछ है तो क्या इस नोट का भी मौत से कोई तारतम्य है?