दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति श्री मून 4 दिवसीय भारत यात्रा पर हुए हैं. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 2015 में दक्षिण कोरिया की यात्रा पर गये थे.
भारत और कोरिया के संबंध त्रेतायुग के रामकाल सेे 2000 साल पुराने है. प्राचीन इतिहास में कोरिया के गाया राज के राजा किम सुरो ने अयोध्या की राजकुमारी से विवाह किया था. जिन्हें कोरिया के इतिहास में रानी हीमो उल्लेखित किया गया है और अयोध्या को आयुता लिखा गया है. कोरिया के लोग भारत की अयोध्या को बहुत पावन और स्मरणीय मानते है. उनकी रानी हिमो की स्मृति में अयोध्या में विशेष पार्क बनाना चाहते हैं.
श्री मून भारत में अपनी पत्नी किम जुंग सूक के साथ आये हैं. इस समय दक्षिण कोरिया में लगभग 11 हजार भारतीय रहते हैं. जिनमें 1000 छात्र है जो वहां कौशल विकास में उच्च शिक्षा ले रहे हैं.
भारत से कोरिया को निर्यात में प्रमुख रूप से खनिज, ईंधन, तेल, दालें और लोहा व इस्पात है और कोरिया से भारत आटो मोबाइल ने पुर्जे, टेली कम्युनिकेशन के उपकरण, लोहा, पेट्रोलियम पदार्थ और न्यूक्लीयर रियेक्टर आयात करता है. दोनों देश व्यापार में एक दूसरे के बड़े साझीदार हो.
इस समय दक्षिण कोरिया से1.36 लाख करोड़ रुपयों का कारोबार हो रहा है. कोरिया ने 10 सालों से भारत में 47 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया है. जिसे वह बढ़ाकर 2.5 लाख करोड़ तक पहुंचाना चाहता है. इस समय भारत में एल.जी., सेमसंग, हुंडई सहित 500 कम्पनियां और उद्योग यहां काम कर रहे हैं. गत वर्ष 2017 में दक्षिण कोरिया ने भारत से पानी के जहाज बनाने में सहयोग करने के लिये करार किया है.
दक्षिण कोरिया दुनिया में इलेक्ट्रोनिक्स में बहुत ही उन्नत राष्ट्र है. मोबाइल फोन के क्षेत्र में उसने स्केनेवेडेवियाई राष्ट्र फिनलैंड के विश्व प्रसिद्ध व स्थापित नोकिया ब्रांड को भी पीछे छोड़ आगे आ गया है.
इस दौरे के समय श्री मोदी व श्री मून ने संयुक्त रूप से दिल्ली के समीप नोयडा में सेमसंग की दुनिया में सबसे बड़ी मोबाइल फोन की फैक्ट्री का उद्घाटन किया. भारत विशाल भूभाग के साथ 125 करोड़ की आबादी का विशाल देश भी है और इसे दुनिया में मोबाइल फोन का सबसे बड़ा बाजार माना जाता है. दुनिया की सभी मोबाइल कम्पनियां भारत में आ चुकी हैं और उनमें कड़ी प्रतिस्पर्धा चल रही है. नई-नई टेक्नोलॉजी से भारत का विशाल मोबाइल बाजार पट गया है. भारत में मोबाइल गांवों तक पहुंच गया है और हर हाथ में नजर आता है.
भारत में 40 करोड़ लोग मोबाइल व 32 करोड़ लोग ब्राडबैंड का इस्तेमाल कर रहे हैं. यह संख्या दिनोंदिन बड़ी तेजी से बढ़ती जा रही है. यह भारत में डिजीटल क्रांति का प्रतीक बन गया है. पांच हजार करोड़ के निवेश से नोयडा के सेक्टर 81 में लगभग 35 एकड़ जमीन पर यह दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल प्लांट लगाया जा रहा है. सेमसंग की यह नयी फैक्ट्री उसके 1997 में बनाये गये पहले प्लान्ट के करीब है.
इसकी क्षमता 6.8 करोड़ मोबाइल फोन यूनिट की है. नयी कम्पनी उसे बढ़ाकर 12 करोड़ यूनिट करेगा और यह विस्तार अगले ढाई साल में 2020 तक पूरा हो जायेगा.
इस अवसर पर श्री मोदी ने कहा कि इस प्लान्ट में हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा और भारत के विकास में मेक इन इंडिया की मुहिम को बल मिलेगा. इस प्लांट के उद्घाटन के लिये दोनों नेता मेट्रो ट्रेन से आए. राष्ट्रपति मून ने कहा कि इस प्लान्ट मोबाइल फोन ‘मेक फार दी वल्र्ड’ होंगे.
भारत मोबाइल फोन के निर्माण क्षेत्र में दुनिया में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है. इस समय देश में 120 मोबाइल फैक्ट्रियां काम कर रही हैं.इनमें से सिर्फ नोयडा में 50 कम्पनियां हैं. इसमें 4 लाख लोग काम करते हैं और इनमें 70 हजार लोग सेमसंग प्लान्ट में काम कर रहे हैं.रक्षा के क्षेत्र में भी भारत और दक्षिण-कोरिया में महत्वपूर्ण समझौते होने जा रहे हैं.