कई उच्च अधिकारी भी हुए थे शामिल
भोपाल, नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा है कि भाजपा सरकार लोकतंत्र और संवैधानिक व्यवस्थाओं का चीर-हरण कर रही है. वह सरकारी संसाधनों का उपयोग राजनीतिक चर्चाओं के लिए कर रही है. मुख्यमंत्री पद की गरिमा खो चुके हैं और अपनी सीमाओं को भूल चुके हैं.
उन्होंने कहा कि 9 जुलाई को मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गई वीडियो कांफ्रेंसिंग में सिर्फ भाजपा विधायकों को बुलाना घोर असंवैधानिक काम है. हां, यह सच है कि पिछले 70 सालों में ऐसा लोकतंत्र विरोधी आचरण किसी दल ने नहीं किया जो आज भाजपा कर रही है.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पिछले 70 सालों में सरकारी स्तर पर इस तरह का भेदभाव किसी भी सरकार ने प्रतिपक्ष के साथ नहीं किया है. सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हार को लेकर बौखलाहट में हैं. वह विधानसभा के बाद अब उसके बाहर भी संवैधानिक मर्यादाओं, लोकतंत्र की परंपराओं का खुलेआम चीर-हरण कर रहे हैं.
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के यहां से सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए गए कि बिजली बिल माफी को लेकर 9 जुलाई को सुबह 9 बजे होने वाली वीडियो कांफ्रेंसिंग में आपके जिले के भाजपा विधायकों को उपस्थित होने को कहें. भाजपा के विधायकों को भी सीधे यह निर्देश भेजे गए. इस वीडियो कांफ्रेंसिंग में विद्युत वितरण कंपनी के सीएमडी, संभागीय आयुक्त, कलेक्टर, अधीक्षण यंत्री विद्युत के अलावा जिले के सिर्फ भाजपा विधायक उपस्थित थे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री यह कौन सा आचरण कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि स्वर्णिम मध्यप्रदेश की कल्पना इन्हीं अनैतिक आधारों पर है. सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री सत्ता के मद में अपनी सीमाएं भूल चुके हैं. वे भूल गए हैं कि वे प्रजातांत्रिक व्यवस्थाओं के तहत चुने गए मुख्यमंत्री हैं न की तानाशाही व्यवस्था में बने हैं.