हाथ जोड़ो या विकास करो,ये पब्लिक है सब जानती है?

खंडवा: राजनीतिक दलों को सिर्फ वोट के लिए लोगों की जरूरत है। वोट लेना होता है,तब वे जनता की चौखट और उनके पैरों पर भी गिरने को तैयार हो जाते हैं। इसके बाद मूंछ पर ताव देकर वह मतदाताओं को नाकों चने चकवा देते हैं? 2023 का दौर कुछ ऐसा ही है।
भाजपा और कांग्रेस जनता की चाकरी करना चाहती है। कांग्रेस ने हाथ जोड़ो यात्रा निकालकर सीधे जनता तक सेवक बनकर हाजिर होने की कोशिश की। अब भाजपा के पदाधिकारी भी जिले में विकास यात्रा निकाल रहे हैं। वे खुद का विकास बताएंगे,या फिर जनता या उस क्षेत्र का,जिसमें मतदाता रहते हैं। भाजपा ने इसकी शुरुआत कर दी है। मीडिया को भरपेट भोजन कराकर शुरुआत की गई,ताकि सब कुछ पॉजिटिव नजर आए और जनता फिर नेताओं के चुनावी वादों के चंगुल में फस सके?
नेताओं से समझदार है जनता
दोनों ही दलों के लिए जनता को साधना इतना आसान नहीं है। सत्ता पक्ष के विकास का पैमाना और विपक्षी दल का चुनाव आते ही शहर की प्रमुख सड़कों के हार्डिंग में ही देखा जा सकता है। इसी से समझा जा सकता है कि दोनों ही प्रमुख दल जनता से किस तरह 5 साल संवाद बनाकर रखते हैं।
पहले कांग्रेसी खुद संगठित हो जाएं?
जिला कांग्रेस में गुटबाजी अंदरूनी तौर पर इस कदर हावी है कि वे जनता से जुड़े हुए मुद्दे नहीं उठा पा रही है। कांग्रेस को नए जिलाध्यक्ष मिल गए हैं। फिर भी कांग्रेसी अपने-अपने विधानसभा में ही सक्रिय हैं। कांग्रेस के कुछ प्रकोष्ठ ही कभी कभार सक्रिय नजर आते हैं। सवाल ये उठता है कि कांग्रेस में सबसे ज्यादा संगठन के प्रकोष्ठ बने हुए हैं तो फिर कांग्रेसी जनता के मुद्दों को क्यों नहीं उठा पा रही है । क्या कांग्रेस के संगठन प्रकोष्ठ में भी फेरबदल होना चाहिए?
हाथ जोडऩे से कुछ नहीं होगा?
अब राजनेता हाथ जोडऩे से लेकर विकास यात्रा के नाम पर वोट बटोरना चाहते हैं,लेकिन बायपास,रिंग रोड के निश्चिती विकास के दावे और अकोला महू ट्रेन बंद होने के बाद भी यहां की जनता इस आस में है कि विकास देर सवेर आएगा तो सही ?
हार्डिंग के भरोसे विकास
जनता को हार्डिंग और निश्चित ही विकास के भाषणों से राजनेता आश्वासन दे रहे हैं । दल बदलूओ की मेहरबानी से सत्ता में आई बीजेपी को आत्मचिंतन कर सोचना चाहिए कि वह 218 में मध्यप्रदेश सरकार पर काबिज नहीं हो पाए थे। दलबदलूओ के कारण बीजेपी सत्ता में आ गई थी। अब फिर से विधानसभा चुनाव सर पर है। और राजनेता बिजली,पानी,सड़क,रोजगार एवं सरकारी योजनाओं के भरोसे जनता के बीच जाना चाहते हैं।
चुनाव में राजनेता के वादे,जनसुनवाई अफसर करें
इधर जनता जनसुनवाई एवं सरकारी विभागों के भरोसे रहती है। बात करें खंडवा जिले की तो यहां पर इंदिरा सागर, ओंकारेश्वर बांध,संत सिंगाजी पावर प्लांट भरपूर बिजली उगल रहा है। अब सोलर प्लांट भी लगने वाला है। बिजली कारखानों के लगने से जिले के बड़े भूखंडों से पुनर्वास हुआ। सभी बड़ी परियोजनाएं जिनकी उपलब्धि भाजपा बता रही है, वह कांग्रेस सरकार की देन हैं। आम जनता को भारी-भरकम बिजली और पानी के बिल चुकाना पड़ रहा है। पेट्रोल डीजल के 3 गुना दाम लोग दे रहे हैं। फिर भी राजनेता विकास का रोना रो रहे है।

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