कैदी की मौत बेरहम पिटाई का नतीजा

कांग्रेस विधायक, पार्षदों समेत आदिवासी नेताओं ने घेरा एसपी ऑफिस गौर चौकी प्रभारी को हटाने के साथ प्रकरण दर्ज करने का दिया अल्टीमेटम
जबलपुर:  गौर चौकी क्षेत्रातंर्गत जमतरा निवासी 32 वर्षीय अनिल मरावी की संदिग्ध मौत पुलिस की बेरहम पिटाई से हुई थी। उक्त आरोप लगाते हुए पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया, पूर्व मंत्री कौशल्या गोटियां, पूर्व विधायक आदिवासी समाज के नेता नन्हेलाल धुर्वे के नेतृत्व में मृतक के परिजनों समेत सैकड़ो कांग्रेस कार्यकत्र्ता और समाज के लोगों ने एसपी ऑफिस का घेराव किया। पुलिस कप्तान सिद्धार्थ बहुगुणा को सौंपे गए। तीन सूत्रीय ज्ञापन में नेताओं ने तत्काल गौर चौकी प्रभारी नितिन पांडे को हटाने के साथ प्रकरण दर्ज करने की मांग की गई। इसके अलावा मृतक के परिजनों को मुआवजा और प्रकरण की निष्पक्ष जांच की भी मांग की गई। कप्तान बहुगुणा ने ज्ञापन में की गई मांगों पर जल्द ही उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।

पत्नी बोली..बेटी पूछती है क्या जवाब दूं
कांग्रेस और आदिवासी नेताओं के साथ एसपी ऑफिस पहुंची मृतक अनिल की पत्नी रोशनी ने कप्तान बहुगुणा को रोते हुए बताया कि पांच साल की मेरी बेटी चेतना रोज पूछती है कि पापा कब आएंगे? बताओ साहब बेटी को क्या जवाब दूं? रोशनी ने कप्तान को बताया कि मेरे पति अनिल और बीजाडांडी निवासी भाई  मुकेश 5 दिसंबर रविवार को दोनों घर में बैठे थे। तभी गौर चौकी की पुलिस और आबकारी की टीम पहुंची। घर में तीन बॉटल देशी शराब खुद के पीने के लिए बना कर रखे थे। इस पर पति व भाई को पुलिस पकड़ ले गई।

छोडऩे के लिए 30 हजार की डिमांड.
रोशनी ने उपस्थित जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में कप्तान बहुगुणा को बताया कि दोनों को छोडऩे के लिए 30 हजार रुपए की डिमांड की गई थी। भाई मुकेश जहां काम करता है, वहां के सेट ने 10 हजार रुपए देकर उसे तो छुड़ा लिया। लेकिन मैं 20 हजार रुपयों का इंतजाम नहीं कर पाई। मेरे पति को बेरहमी से चौकी में चौकी प्रभारी नितिन पांडे ने मारा-पीटा। उसने विरोध किया तो धक्का देकर चौकी से बाहर निकलवा दिया और उसी दिन जेल भेज दिया।
पीएम रिपोर्ट में शराब का जिक्र.
वहीं सूत्रों के मुताबिक बताया जाता है कि मृतक अनिल की पीएम रिपोर्ट आ गई है। जिसमें शराब पीने का जिक्र होना बताया गया है। फिलहाल बिसरा प्रिजर्व कर जांच के लिए भेजा जा रहा है। उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही प्रकरण की असलियत सामने आएगी।
ये था मामला-
गौरतलब है कि जमतरा गांव निवासी 32 वर्षीय अनिल मरावी को शराब के मामले में गौर चौकी की पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जेल में 6 दिसंबर को उसकी तबियत खराब हुई। पहले उसे जेल अस्पताल में भर्ती किया गया। 9 दिसंबर को मेडिकल रेफर कर दिया गया। 10 दिसंबर की सुबह उसकी मौत हो गई।विचाराधीन बंदी की मौत प्रकरण में कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं।
ये रहे उपस्थित
एसपी ऑफिस घेराव में पूर्व नगर कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश यादव, कांग्रेस सेवादल के नगर अध्यक्ष सतीश तिवारी, जिला कांग्रेस सेवादल ग्रामीण
अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव, बज्रबिहारी पटैल, विजयकांति पटैल, गीता शरद तिवारी, रूकमणि गोटियांए पूर्व पार्षद पंकज पांडे, ताहिर अली, आजम खान, रामदास यादव, शैलेष राठौर, समेत कांग्रेस और समाजिक कार्यकत्र्ता उपस्थित रहे।
इनका कहना है.
पीडि़त परिवार को आर्थिक मदद दिलाने, निष्पक्ष जांच और चौकी प्रभारी सहित दोषी पुलिस कर्मियों को हटाने की मांग संबंधी ज्ञापन सौंपा गया है। आर्थिक मदद के लिए कलेक्टर से चर्चा की जा रही है। वहीं प्रकरण की जांच के लिए मजिस्ट्रियल जांच चल रही है। इसके अलावा रही बात पुलिस कर्मियों को हटाने की तो उसका परीक्षण कराया जा रहा है। जांच उपरांत विधिनुसार कार्रवाई की जाएगी।
सिद्धार्थ बहुगुणा, पुलिस कप्तान

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