मालवा- निमाड़ की डायरी
संजय व्यास
गत वर्ष हुआ नेमावर हत्याकांड अब फिर सुर्खियों में है. परिवार के पांच सदस्यों को खो चुकी पीडि़ता ने न्याय यात्रा निकाल मामले को तुल दे दिया है. कांग्रेस ने तब इसे आदिवासी अत्याचार का मुद्दा बनाकर आंदोलन को हवा दी थी. पीडि़ता द्वारा निकाली गई न्याय यात्रा के पीछे फिर कांग्रेस ही है. आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आदिवासियों पर पकड़ बनाने के लिए वह इस समाज की हितैषि बनी रहना चाहती है. मालवा-निमाड़ में आदिवासी सीटें सत्ता द्वार पर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही है. पर इस बीच अंचल के अहम कांग्रेसी नेता व पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा गलती कर बैठे. राज्यपाल पर टिप्पणी कर वे भाजपा के निशाने पर आ गए हैं. न्याय यात्रा के तहत पीडि़त परिवार की लड़की के साथ राज्यपाल से मिलने की अनुमति नहीं मिलने से नाराज कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा ने राज्यपाल पर कथित रूप से अमर्यादित टिप्पणी कर दी. इस घटना ने भाजपा को भी बैठे-ठाले मुद्दा दे दिया और आदिवासी राज्यपाल की अवमानना को लेकर अब वह कांग्रेस पर हमलावर है.
झाबुआ भाजपा जिलाध्यक्ष के खिलाफ सायरा ने खोला मोर्चा झाबुआ में भाजपा जिलाध्यक्ष एलएस नायक के खिलाफ विरोध के स्वर थमने का नाम नहीं ले रहे है. हाल ही में भाजपा जिलाध्यक्ष नायक ने भाजपा की महिला मोर्चा की जिला मंत्री रही सायरा खान को पार्टी विरोधी गतिविधियों और कार्यों के चलते 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया. इससे नाराज सायरा खान ने जिलाध्यक्ष एलएस नायक के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है. अपने निष्कासन को श्रीमती खान ने भाजपा जिलाध्यक्ष का दोहरा रवैया और मनमाना तथा तानाशाही पूर्ण रवैया बताया है. सायरा के अनुसार उन्होंने पिछले दिनों स्थानीय डीआरपी लाइन स्थित अंबेडकर पार्क पर पत्रकारवार्ता कर समस्त महिलाओं और युवा कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा जिलाध्यक्ष नायक पर पार्टी में महिलाओं के साथ भेदभाव और उपेक्षा करने का आरोप लगाया था. साथ ही कहा था कि लक्ष्मणसिंह नायक पार्टी में ऐसे पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं तथा महिलाओं को तवज्जो देते है, जो या तो वीआईपी कार्यक्रमों में अपनी झांकी जमाने के लिए आते हैं या उनके चटर गुल्ले बनकर कार्य करते हैं.
श्रीमती खान ने कहा कि उनका यह बयान केवल निजी तौर पर भाजपा जिलाध्यक्ष पर था, ना कि भाजपा पार्टी के खिलाफ. ऐसे में भाजपा जिलाध्यक्ष नायक द्वारा मनमाने तरीके से उनका निलंबन करना, उनकी तानाशाही और एक बार फिर भेदभाव पूर्ण रवैये को उजागर करता है. सायरा इसलिए भी नाराज हैं कि ऐसे ही मामले में थांदला के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं पर जिलाध्यक्ष ने कोई कार्रवाई नहीं की. थांदला में भी भाजपा अजजा मोर्चा से जुड़े अन्य पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने भाजपा जिलाध्यक्ष पर वहां पर भी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करने का सीधे तौर पर आरोप लगाए थे. सायरा अपने निष्कासन को नियम विरुद्ध व सरासर गलत बताती हैं. सायरा ने साफ तौर पर कहा कि वह अपने खिलाफ हुए अन्याय के लिए लगातार लड़ाई लड़ती रहेंगी. इसे पार्टी से न जोड़ा जाए. वे भाजपा के प्रति सदैव समर्पित रहकर समर्पण भावना से पार्टी के प्रति पूरी निष्ठा से कार्य करती रहेंगी.
मकर संक्रांति: ओंकारेश्वर में नर्मदा स्नान पर पहरा
मालवा निमाड़ में कोरोना का कहर कुछ ज्यादा ही असरकारक हो रहा है. स्कूलें लगाने या बंद करने के निर्णय पर सरकारी मनन करे या ना करे, लेकिन बड़े मंदिरों में स्थिति संभालने का वक्त आ गया है. विश्वप्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर में मकर संक्रांति पर करीब 1 लाख लोग जुटते हैं. 2 दिन पहले से स्नान शुरू हो जाते हैं. नर्मदा स्नान के लिए आस्थावान आते हैं. भगवान ओंकारेश्वर के दर्शन करते हैं. ओंकारेश्वर में चार-पांच पॉजिटिव पहले ही मिल चुके हैं. ऐसी स्थिति में आस्थावानों पर ब्रेक लगाने के लिए प्रशासन तैयारी कर रहा है. समय के हिसाब से यह जरूरी भी है. संक्रांति पर ओंकारेश्वर में नर्मदा स्नान पर प्रतिबंध रहेगा.
ज्योर्तिलिंग दर्शन के लिए भी गाइडलाइन बनेगी. मंदिर प्रबंध समिति के मुताबिक- संक्रांति पर ज्यादा श्रद्वालु ओंकार नगरी में आते हैं. नर्मदा स्नान के साथ वे ज्योर्तिलिंग दर्शन करते हैं. सख्ती नहीं की तो कोरोना संक्रमण को काबू कर पाना मुश्किल हो जाएगा. ओंकारेश्वर ज्योर्तिलिंग मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक व एसडीएम चंदरसिंह सोलंकी की माने तो कोरोना संक्रमण की रफ्तार काफी तेज है. ओंकारेश्वर नगर में भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. रहा सवाल, मकर संक्रांति पर ज्यादा श्रद्वालु नर्मदा स्नान के लिए आते हैं और घाटों पर भीड़ रहती है. इसलिए प्रतिबंध लगाना जरुरी है.