“जू’ में वन्यजीवों को गर्मी से बचाने जगह-जगह लगाए गए हैं स्प्रिंगलर, कूलर

ग्वालियर: तेजी से मौसम बदल रहा है। दिन और रात का तापमान तेजी से बढ़ रहा है। इससे जनजीवन अस्त व्यस्त हो ही रहा है, ग्वालियर के गांधी प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) में रह रहे जानवर व पक्षी भी परेशान हैं। यही कारण है कि अब चिड़ियाघर में उनकी डाइट से लेकर दिनचर्या में बदलाव किया गया है। वनराज के लिए कूलर लगाए जा रहे हैं और टाइगर के लिए घास की टटियां लगाई गई हैं। उनके केज के अंदर फव्वारे लगाए गए हैं।

उनकी डाइट में ठोस खाने की अपेक्षा लिक्विड वाले फूड बढ़ा दिए गए हैं जिससे वह डीहाईड्रेट न हो सकें। जानवरों की परेशानी को देखते हुए ग्वालियर के चिड़ियाघर प्रबंधन ने उनके लिए विशेष इंतजाम किए हैं। इनमें कूलर, लकड़ी की घास से बनी टटियां और स्प्रिंग्लर शामिल हैं। गर्मी का सबसे ज्यादा असर बड़े जानवर जैसे शेर आदि पर होता है। इसलिए वहां कूलर लगाने के साथ ही पानी के बेहतर इंतजाम किए गए हैं। ग्वालियर चिड़ियाघर में 500 से ज्यादा पक्षी व जानवर है। जिनकी देखभाल करना भी अपने आप में चुनौती है।

ग्वालियर में बढ़ती गर्मी से गांधी प्राणी उद्यान के जानवरों को राहत दिलाने के लिए चिड़ियाघर प्रबंधन ने सभी बड़े जानवरों व पक्षियों को इस गर्मी में ठंडक पहुंचाने के उपाय शुरू कर दिए हैं। इन सबको लेकर इस गर्मी के प्रभाव बचाने के लिए चिड़ियाघर प्रबंधन ने खुले में घूमने वाले जानवरों के लिए गर्मी से बचाव को लेकर पानी के स्प्रिंगलर लगाए गए हैं। इससे निकली ठंडी फुहारों से जानवर अपने आप को ठंडा करते हैं। साथ ही लगातर पानी का छिड़काव किया जा रहा है। इससे जमीन ठंडी रहती है और हरियाली भी बनी रहती है। पर अभी यह हालात हैं तो आगे क्या होगा यह सोचने वाली बात है।

नव भारत न्यूज

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