नर्मदा का पानी आया कटनी, बाण सागर का आया नागौद लेकिन जिले के जनप्रतिनिधि नहीं ला सके केन का पानी

पन्ना :आजादी के सात दशक बाद भी पन्ना जिला मुख्यालय मे जल स्त्रोत वहीं पुराने है जिनके द्वारा जिला मुख्यालय मे पानी की सप्लाई की जा रही है। जबकी पन्ना नगर की जन संख्या लगभग 80 हजार पहुंच रही है जिससे पेयजल की समस्या लगातार बढती जा रही है। जिला मुख्यालय मे नगर के तालाबो निरपत सागर, धरम सागर तथा लोक पाल सागर से पेय जल की सप्लाई की जाती है यह सप्लाई वही पुराने 50 साल की योजना के तहत चल रही है जब जिला मुख्यालय की जन संख्या लगभग 20 हजार रही होगी। राजाशाही के समय बनें तालाबो की पेयजल व्यवस्था आज भी जारी है तालाबों पर लोगो द्वारा लगातार भारी अतिक्रमण किया गया तथा तालाबों के भराव के स्त्रोत भी बंद हो गए है जिससे तालाबों की क्षमता के अनुसार भी पानी तालाबों मे नही आ पाता है तथा पानी का उपयोग मे लगातार बृद्धि होती गई।

जिला प्रशासन तथा नगर पालिका द्वारा पेयजल के लिए प्रतिवर्ष करोडो रूपये की राशि खर्च की जाती है लेकिन स्थाई व्यवस्था न होना तथा तालाबों के गहरी करण एवं उनके भरने के स्त्रोत विकसित न होने से पर्याप्त मात्रा मे तालाबों मे पानी नही आ पाता है। इस लिए प्रतिवर्ष गर्मी के समय पेयजल की समस्या उत्पन्न होती है। जिले मे लगातार जन प्रतिनिधि मंत्री बने बाहरी लोग सांसद बने और बिना कुछ किये चलते बने उनमें से तत्कालीन सासंद नागेंद्र सिंह भी रहे हैं जो पन्ना के पडोसी नगर सतना जिले के नागौद जो कि उनका पैतृक निवास नगर है। वहां पर बाण सागर का पानी ले आये थे लेकिन अपने जिले से सांसद निर्वाचित होने के बावजूद भी अपने ही जिले के अंदर केन नदी का पानी पन्ना नहीं ला सके। इसके लिए केवल वही भर दोषी नहीं है जितने भी बाहरी सांसद प्रत्याशी आये जिले के विधायक एवं मंत्री बने किसी ने कोई प्रयास नहीं किया। जिला मुख्यालय मे पेयजल के लिए केन नदी से पानी लाने की योजना पर काम नही किया गया।

जबकि नर्मदा नदी का पानी कटनी तथा बाणसागर का पानी नागोद तक लाने की योजना पडोसी जिलो मे पूरी हो गई। जबकि पन्ना जिला मुख्यायल से 20 किलोमीटर दूर केन नदी का पानी पन्ना नही लाया जा सका। पूर्व मे पीएचई मंत्री कुसुम महदेले बनी थी लोगो द्वारा उनके समक्ष केन नदी से पानी लाने की योजना बनाने तथा पन्ना पानी लाने के संबंध मे ध्यान आकर्षट कराया गया था लेकिन उनके द्वारा भी कोई ध्यान नही दिया गया जिससे लगातार पेयजल संकट बना हुआ है। स्थानीय लोगो द्वारा लगातार जिम्मेवार जन प्रतिनिधियों से उम्मीद की जा रही थी कि आखिर केन नदी का शुद्ध पेयजल पन्ना जिला मुख्यालय लाने की दिशा मे कब कार्य किया जायेगा।

वर्तमान समय मे भी स्थानीय विधायक तथा कैबनेट मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह सरकार मे पावर फुल मंत्री है उनको इस दिशा में प्रयास करना चाहिए। जिला मुख्यालय मे भीषण पेयजल संकट से उबारने के लिए केन नदी से पानी लाने की योजना निश्चित रूप से कारगर साबित हो सकती है तथा हमेशा के लिए जिला मुख्यालय मे जल संकट की समस्या का समाधान हो सकता है। आगामी विधानसभा तथा लोकसभा चुनाव मे भी केन नदी से पन्ना जिला मुख्यालय पानी लाने का बडा मुद्दा उभरकर सामने आएगा। समय रहते अभी भी जिले के जिम्मेवार जन प्रतिनिधियों को जनहित के इस मुद्दे पर गंभीरता पूर्वक विचार करना चाहिए। जिससे पेयजल की यह समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगी तथा यह योजना पूर्ण कराने वाले जन प्रतिनिधियों को जनता हमेशा याद रखेगी तथा आगामी चुनाव मे भी उन्हे इसका लाभ मिल सकता हैं।

नव भारत न्यूज

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