आगामी दिनों में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का होने वाला है दौरा
उज्जैन:श्री महाकालेश्वर मंदिर में उसकी छवि और कार्यों का प्रचार प्रसार करने वाला जनसंपर्क विभाग इन दोनों निष्क्रिय पड़ा हुआ है। गाहे-बगाहे सप्ताह में एक या दो बार दान के समाचार प्रकाशित कर कत्र्तव्य की इतिश्री कर ली जाती है। जबकि कई मुख्य समाचार पत्रों को इसकी भनक तक नहीं मिल पा रही है कि मंदिर में किस तरह व्यवस्थाओं को सुचारू किया जा रहा है और क्या विकास कार्य हो रहे हैं।
वैसे तो श्री महाकालेश्वर मंदिर में मंत्री, नेताओं, प्रशासनिक अधिकारियों के दौरे के दौरान जिला जनसंपर्क कार्यालय से एक कर्मचारी को समाचार प्रकाशित करने के लिए दायित्व दिया गया है। लेकिन मंदिर में स्थानांतरण, विकास कार्य अच्छी व्यवस्था सहित अन्य छोटे-मोटे समाचार प्रकाशित करने का दायित्व संभालने वाले मंदिर जनसंपर्क कार्यालय इस दौरान निष्क्रिय पड़ा हुआ है। सप्ताह में एक या दो बार दान के समाचार प्रकाशित कर अपने कत्र्तव्य की इतिश्री कर ली जाती है।
हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की धर्मपत्नी साधना सिंह का महाकालेश्वर मंदिर आगमन हुआ था। लेकिन इसके एक फोटो तक मीडिया तक नहीं पहुंच पाए। जनसंपर्क कार्यालय का फोटोग्राफर सभी मंत्री, नेताओं और वीवीआईपी के फोटो तो खींच रहे हैं। लेकिन इसको मीडिया तक पहुंचाने का दायित्व संभालने वाला कोई नहीं दिख रहा है। ऐसे में महाकालेश्वर मंदिर के महत्वपूर्ण समाचार मीडिया तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। जिसके चलते महाकालेश्वर मंदिर की व्यवस्थाओं और विस्तारीकरण संबंधित समाचार जनता तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।
मीडिया के पास देर से पहुंचते समाचार महाकालेश्वर मंदिर की बैठक हो अथवा अन्य व्यवस्थाओं संबंधी समाचार के लिए मीडिया को घंटों इंतजार कराया जाता है। यहां तक की शाम 5 बजे तक पहुंचाया जाने वाला समाचार रात में 10 बजे तक मीडिया कर्मियों के हाथ में पहुंचता है। तब तक समय समाप्त हो जाता है ऐसे मैं मंदिर में क्या चल रहा है। इस बात की जानकारी ना तो मीडिया को पाती है और ना ही जनता को।
समाचार मंदिर के बाहर जाएं व्यवस्था नहींश्री महाकालेश्वर मंदिर में जनसंपर्क विभाग द्वारा वर्षों से मंदिर की छवि सुधारने संबंधी और परंपराओं संबंधी समाचार प्रकाशित किए जाते रहे हैं। लेकिन अब यह व्यवस्था पूरी तरह से लडख़ड़ा गई है। आगामी दिनों में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति का आगमन मंदिर में हो रहा है। लेकिन मंदिर की जनसंपर्क व्यवस्था ध्वस्त चल रही है। आगामी दिनों में श्रवण की सवारी निकलने वाली है। इसको लेकर क्या आमूलचूल व्यवस्था मंदिर प्रशासन जुटाने वाला है इस बात की जानकारी मीडिया तक पहुंचनी चाहिए। लेकिन लगता है कि जनसंपर्क विभाग के सुध नहीं लेने के कारण आगामी दिनों में ऐसे ही व्यवस्था चलने वाली है