मालवा- निमाड़ की डायरी
संजय व्यास
निकाय चुनावों में टिकट वितरण से असंतुष्ट युवक कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया को आड़े हाथ लिया और खरी-खरी सुनाई. इस दौरान उनके चेहरे पर अपनों को ही टिकट न दिला पाने का मलाल साफ दिखाई दिया. युवा नेताओं के कटाक्ष से विचलित हो भूरिया ने अपना पद से इस्तीफा देने की बात तक कह डाली. प्रदेश आकाओं के समक्ष अपने कार्यकर्ताओं के टिकट के लिए पुरजोर कोशिश के बावजूद उन्हें कुछ एक जगह छोड़कर निराशा ही हाथ लगी थी. यह नजारा विगत दिनों हुई युवा कांग्रेस के प्रदेश पदाधिकारी और जिला अध्यक्षों की बैठक का था. बैठक में नगरीय निकाय चुनाव के परिणाम की समीक्षा के साथ वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा के लिए थी. लेकिन पूरा समय शिकवा में निकल गया.
भूरिया को गुस्साए पदाधिकारी- कार्यकर्ताओं को समझाना भारी पड़ गया. उनके सामने समस्या ये थी कि इन कार्यकर्ताओं से किस मुंह से विधानसभा तैयारियों में जुट जाने की बात कहें. गुस्साए कार्यकर्ताओं कहना था कि काम हम करते हैं पर जब टिकट का मौका आता है तो वह किसी और को मिल जाता है. जबकि, मैदानी स्तर पर काम करने की बारी आती है तो हमें ही आगे किया जाता है. इस पर भूरिया सफाई देते रहे कि मैंने हर मोर्चे पर आपके लिए लड़ाई लड़ी. कुछ टिकट भी मिले पर यह अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहे. जब पदाधिकारियों का गुस्सा शांत नहीं हुआ तो आखिर उन्हें मामला शांत करने के लिए कहना पड़ा कि मैं इस्तीफा ही दे सकता हूं और क्या कर सकता हूं. कुछ लोग चाहते भी हैं कि मैं पद से इस्तीफा दे दूं.
सफाई देने के बजाए यादव को ही लपेट लिया
इन दिनों अजीब स्थिति का सामना विक्रांत भूरिया को ही नहीं करना पड़ रहा. अंचल के अन्य नेता भी घिरे हुए हैं. बुरहानपुर निकाय चुनाव में हार के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. बुरहानपुर में नगर निगम के चुनावों में कांग्रेस को लगातार चौथी बार हार मिली है. इधर पार्टी मे चिंतन का दौर शुरु हो चुका है. आला नेता हार की समीक्षा करने में जुटे है. उधर बुरहानपुर नगर निगम मे कांग्रेस के टिकट पर हारी प्रत्याशी शहनाज अंसारी ने भोपाल पहुंचकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से बुरहानपुर के पूर्व विधायक हमीद काजी और शाहपुर के पूर्व विधायक रविन्द्र महाजन पर हार का ठीकरा फोड़ दिया.
अपनी शिकायत से बौखलाए दोनों पूर्व विधायकों ने इस पर कोई सफाई देने के बजाए बुरहानपुर कांग्रेस जिला अध्यक्ष अजय रधुवंशी और अरुण यादव को ही कटघरे मे खड़ा कर दिया. हमीद काजी और रविन्द्र महाजन ने अरुण यादव और जिला अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाए. साथ ही कहा कि शिकायत के पीछे कांग्रेस जिला अध्यक्ष की भूमिका है, जो हमारी छवि खराब करना चाहते हैं. उन्हें उरुण यादव का संरक्षण प्राप्त है . हालांकि नगरीय निकाय चुनाव में पहले के मुकाबले कांग्रेस ने इस बार बेहतर प्रदर्शन किया है. आरोप-प्रत्यारोप के बीच अब अरुण यादव समझने में लगे हैं कि यह सब किसके इशारे पर हो रहा है.
दावेदार भोपाल- दिल्ली तक लगा रहे तीर-तुक्के
मंदसौर नगरपालिका को इस बार आरक्षण के तहत ओबीसी महिला अध्यक्ष मिलना है. यहां भाजपा का बहुमत है, यहां 40 वार्डों में से 29 पर भाजपा, 8 पर कांग्रेस और 3 पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं. अब अध्यक्ष पद को लेकर दावेदार भोपाल- दिल्ली तक तीर-तुक्के लगाने में जुटें हैं. वैसे रमादेवी बंशीलाल गुर्जर और नम्रता प्रितेश चावला का नाम फिलहाल पहली पायदान पर है. नपाध्यक्ष का निर्णय सीएम और प्रदेशाध्यक्ष की सहमति से होगा. इसी के चलते दावेदार दिल्ली-भोपाल तक दौड़ लगाकर नेताओं से संपर्क करने में लगे है.
रमादेवी गुर्जर और नम्रता चावला दोनों ही भोपाल और दिल्ली तक प्रयास कर रही है. एक और बात इसमें महत्वपूर्ण है कि सांसद से लेकर विधायक व जिलाध्यक्ष की भी सहमति और उनकी रिपोर्ट भी इसमें मायने रखेंगे. इसलिए इनके माध्यम से भी पार्टी व संगठन स्तर पर एप्रोच लगाने में दावेदार लग गए है. वहीं कुछ अन्य चेहरे जो अध्यक्ष का सपना देख रहे हैं, वह सांसद, विधायक और अध्यक्ष के भरोसे हैं. इनके अलावा पिछड़ा मोर्चा प्रदेशमंत्री भारती पाटीदार के साथ ही रेखा राजेश सोनी, सुनीता भावसार से लेकर अन्य ओबीसी महिला पार्षद भी अध्यक्ष के लिए अपने स्तर से जोर लगा रही है.