रामलीला मैदान के पास सड़क के निकले कचूमर

करीब छ: महीने पूर्व हुआ डामरीकरण का कार्य, भ्रष्ट्राचार की भेंट चढ़ी लाखों की सड़क, नगर निगम के अधिकारियों के साधी चुप्पी

सिंगरौली : जिला मुख्यालय बैढऩ के रामलीला मैदान गुरूकृपा लॉज के सामने लाखों, करोड़ों रूपये की लागत से छ: महीने पूर्व बनी सड़क के कचूमर निकल आये हैं। जिला मुख्यालय के नवनिर्मित सड़क की जब यह हालत है तो मोहल्लों के सड़कों के गुणवत्ता की हालत कैसी होगी इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है। नगरीय क्षेत्र के निर्माण कार्याे में कमीशनखोरी व्यापक पैमाने पर है। इसे इंकार नहीं किया जा सकता है। इस बात के गवाह छ: महीने पूर्व कई डामरीकृत सड़के हैं।दरअसल बैढऩ के रामलीला मैदान गुरूकृपा लॉज के सामने तकरीबन छ: महीने पूर्व लाखों रूपये की लागत से डामरीकृत सड़क का कार्य नगरीय क्षेत्र में कराया गया था।

आरोप है कि कार्य के दौरान ही शिकायत की गयी थी कि संविदाकार के द्वारा गुणवत्ताविहीन कार्य कराया जा रहा है। किन्तु ननि केअधिकारियों ने इस शिकायत को नजर अंदाज कर दिया था। बल्कि ठेकेदार को प्रोत्साहित करते हुए बिल भुगतान कर दिया। शिकायतकर्ता के शिकायत की जांच भी कराना उचित नहंी समझे। लिहाजा छ: महीने पूर्व लाखों रूपये की लागत से डामरीकृत सड़क के कचूमर निकल आये हैं।

यहां के पूर्णवासी संतोष सोनी का आरोप है कि संविदाकार के द्वारा गुणवत्ताविहीन कार्य कराया गया था जिसके कारण छ: महीने में ही सड़क ध्वस्त हो गयी है। बारिश के दिनों में यहां पर पैदल चलने लायक भी नहीं है। कमीशनखोरी के कारण सड़क की यह दुर्दशा हुई है। नगरीय क्षेत्र के अधिकांश सड़कों का यही हाल है। पूर्णवासी संतोष सोनी ने स्पीकर एवं प्रभारी निगमायुक्त, जिला पंचायत सीईओ का ध्यान आकृष्ट कराते हुए गुणवत्ताविहीन सड़क का निर्माण कार्य कराने वाले संविदाकार, कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री एवं उपयंत्री के विरूद्ध कठोर कार्रवाई कराये जाने की मांग किया है।
करीब 28 लाख की कीमत से हुआ था निर्माण कार्य
अम्बेडकर चौराहा से लेकर बलियरी औद्योगिक क्षेत्र तक सड़क में हुए डामरीकरण की लागत करीब 28 लाख रूपये बतायी जा रही है। लेकिन ताजुब की बात यह है की 28 लाख रूपये की लागत से सड़क में हुए डामरीकरण महज छ: महीने के अंदर ही कैसे उखड़ गयी। अब सड़क उखडऩे के बाद स्थानीय रहवासियों ने नगर निगम अधिकारियों के साथ-साथ संविदाकार पर व्यापक पैमाने पर भ्रष्ट्राचार किये जाने का आरोप लगाया है। साथ ही रहवासियों ने यह भी बताया कि हाल ही में नगर निगम के द्वारा जहां भी पीसीसी सड़क के ऊपर डामरीकरण का कार्य कराया गया था वह बेहद ही गुणवत्ताविहीन है। जहां भी पीसीसी सड़क के ऊपर नगर निगम के द्वारा डामरीकरण का कार्य कराया गया है हर जगह के यही हालात हैं।
भौसंखा कांस्ट्रक्शन को ब्लैक लिस्टेड करने की मांग
बताते चलें कि अम्बेडकर चौराहे से बलियरी औद्योगिक मार्ग में पीसीसी सड़क में जगह-जगह गड्ढे होने के बाद नगर निगम के अधिकारियों ने टेण्डर निकाला था। जहां भौसंखा कांस्ट्रक्शन को यह काम सौंपा गया था। जहां संविदाकार के द्वारा डामरीकरण सड़क में निगम अधिकारियों की मिली भगत से व्यापक पैमाने भ्रष्ट्राचार करते हुए गुणवत्ताविहीन कार्य कराया गया था। नतीजन 28 लाख की सड़क महज छ: महीने के अंदर ही क्षतिग्रस्त हो गयी है। जिससे स्थानीय रहवासियों ने जिला प्रशासन व ननि अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए ऐसे संविदाकार को ब्लैक लिस्ट करने की मांग की है।
इनका कहना है
सड़क क्षतिग्रस्त होने की जानकारी मिली है। बारिश खत्म होते ही उसी बिल के तहत संविदाकार को सड़क का मरम्मत कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं। जो भी सड़कें डामरीकरण करायी गयी हंै सभी संविदाकारों के डिपोजिट जमा हैं। पांच वर्षों तक सड़क उखडऩे पर उनका मरम्मत कार्य संविदाकार के द्वारा कराया जाना है।
व्हीपी उपाध्याय
कार्यपालन यंत्री,ननि सिंगरौली

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