रिश्वतखोर सिविल प्रबंधक-सर्वेक्षक गए जेल

जबलपुर: नेहरू शताब्दी अस्पताल सिंगरौली के सिविल विभाग के प्रबंधक रोहिताश मीणा और सर्वेक्षक मनदीप कुमार को 50 हजार रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ जबलपुर सीबीबीआई ने गिरफ्तार किया था। प्रबंधक ने सर्वेक्षक के माध्यम से बोरवेल के कार्य का बिल भुगतान करने के एवज में रिश्वत की मांग की थी। दोनों आरोपितों को पकडऩे के बाद सीबीआई की टीम ने सोमवार को न्यायालय में पेश किया था जहांं से दोनों को 22 सितम्बर तक रिमांड पर लिया गया था। पूछताछ में दोनों ने सीबीआई को नई जानकारी दी हैं। रिमांड खत्म होने पर दोनों को कोर्ट में पेश किया जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया हैं।

विदित हो कि विकास सिंह ने सीबीआइ कार्यालय जबलपुर में एसपी सीबीआइ अजय कुमार दुबे को शिकायत दी थी। जिसमें बताया गया था कि उसने तीन बोरवेल का कार्य किया था। जिसका साढे आठ लाख रुपये का भुगतान करने के एवज में नेहरू शताब्दी अस्पताल, जयंत क्षेत्र, एनसीएल सिंगरौली के प्रबंधक (नागरिक) रोहिताश मीणा एवं सर्वेक्षक मनदीप कुमार द्वारा ढाई लाख रुपये की रिश्वत मांगी गई है। बाद में बातचीत करने पर दोनों ने दो लाख रुपये लेकर बिल भुगतान करने की बात कही है।

शिकायत का सत्यापन कराते हुए सीबीआइ एसपी ने कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बाद सीबीआई की टीम आरोपितों रोहिताश मीणा और मनदीप कुमार को दबोच लिया था। जिन्हें सीबीआई ने न्यायालय के समक्ष पेश कर 22 सितम्बर तक रिमांड पर लिया था। रिमांड खत्म होने पर पुन: सीबीआई ने आरोपितों को कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया हैं। बताया जाता है कि आरोपितों ने रिमांड के दौरान चली पूछताछ में कई जानकारियां सीबीआई को दी हैं जिस पर जांच चल रही हैं।

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