नयी दिल्ली, केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने आज संसद में पेश वित्त वर्ष 2019-20 के अंतरिम बजट को किसान और गरीब हितैषी करार देते हुए कहा है कि इससे मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति भी बढ़ेगी जिससे अंतत: अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।
श्री जेटली ने अमेरिका से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संवाददाताओं से चर्चा में कहा कि यह अंतरिम बजट बिना किसी सन्देह आर्थिक वृद्धि के अनुकूल, राजकोषीय नियंत्रण को बढ़ावा देने वाला, किसान हितैषी, गरीब हितैषी और मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति को बढ़ाने वाला है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से 2019 के बीच सारे बजट मध्यम वर्ग को राहत देने वाले रहे है।
श्री जेटली अमेरिका में इलाज करा रहे है। उनकी अनुपस्थिति में वित्त मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने वित्त वर्ष 2019-20 का अंतरिम बजट संसद में पेश किया।
उन्होंने कहा कि यह बजट व्यय को बढ़ावा देने के साथ ही राजकोषीय स्थिति को नियंत्रण में रखने वाला है। यह अंतरिम बजट सरकार के समक्ष पिछले पांच साल के कामकाज की समीक्षा करने और अपने प्रदर्शन को लोगों के सामने रखने का अवसर भी रहा है।
उन्होेंने अंतरिम बजट पेश करने के लिये श्री गाेयल की सराहना की और कहा कि बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्र के लिए नीतिगत निर्देश है। यह बजट चुनावी वर्ष में पेश किया गया है इसलिये इसकी सीमायें हैं लेकिन इसमें अर्थव्यवस्था को गति देने वाले जरुरी कदम उठायें गये हैं।
अंतरिम बजट की आलोचना करने वालों को आड़े हाथों लेते हुये उन्होंने कहा कि अपने 10 वर्ष के कार्यकाल में 70 हजाार करोड़ रुपये के ऋण माफ करने की घोषणा कर इसके लिए मात्र 52 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान करने वाले इसकी आलोचना कर रहे हैं। जिन राज्यों में उनकी सरकारें हैं उन राज्यों में यदि वे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि को टापअप करते हैं तो किसानों को अधिक राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले साढ़े चार वर्षाें में ग्रामीण क्षेत्रों में भारी मात्र में निवेश किया है जिसका लाभ अर्थव्यवस्थ को भी हुआ है।
श्री जेटली ने कहा कि वर्ष 2014 में उन्होंने 14 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट पेश किया था जो इस वर्ष लगभग दोगुना होकर 27 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है।