ठंड के मौसम ने जाते-जाते एकाएक लौटकर पूरे मध्यप्रदेश की चुभती शीत लहर के साथ ओलावृष्टिï की चपेट में ले लिया. मावठा की वर्षा आयी जो कृषि के लिये बहुत उपयोगी मानी जाती है लेकिन जब इसमें ओले भी साथ होते हैं तो यह अभिशाप बन जाती है. खेतों की खड़ी फसलें चौपट हो जाती हैं.
मध्यप्रदेश के लगभग 500 ग्रामों में ओलों से लगभग 40 प्रतिशत फसलें नष्टï हो गयी हैं. अभी यह दौर जारी है इसलिए वास्तविक अनुसार इस दौरे की समाप्ति पर ही हो सकेगा. होशंगाबाद, बैतूल, सागर, बालाघाट छिंदवाड़ा सिवनी व डिंडोरी में ओलों का प्रकोप रहा. जबलपुर, सतना, कटनी रीवा में ओले गिरने की आशंका हो गयी है.राजधानी भोपाल जहां तापमान 23-24 डिग्री तक हो गया. एक दम से गिरकर 17-18 पर आ गया.
मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने किसानों को आश्वसत किया है कि वहां सर्वे कराकर मुआवजा दिया जायेगा. सुबह के समय सभी जगहों पर काफी देर तक कोहरा छाया रहता है. मौसम का अनुमान है कि अभी एक सप्ताह ऐसी स्थिति रह सकती है.