रेल मंत्री के इस्तीफे मुद्दे पर गहमागहमी बढ़ी
नई दिल्ली, 15 मार्च, नससे. रेल बजट के बाद किराए में बढ़ोत्तरी को लेकर जो बवाल मचा वो थमने का नाम नहीं ले रहा है.रेल बजट के बाद रेलमंत्री के इस्तीफे को लेकर सस्पेंस बना हुआ है. इस पूरे विवाद के बाद रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी का कहना है कि अगर ममता बनर्जी या प्रधानमंत्री कहें तो वह तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.
दिनेश त्रिवेदी ने ये नहीं बताया कि उन्होंने इस्तीफा लिखकर रखा है या नहीं, अलबत्ता प्रणब मुखर्जी ने जरुर साफ कर दिया कि रेल बजट के बाद ममता बनर्जी ने अपनी कुछ खास राय पीएम तक पहुंचायी है.कल होकर दिनेश त्रिवेदी की तकदीर किस करवट जाएगी, इसका तो पता नहीं लेकिन फिलहाल दिनेश त्रिवेदी पूर्व रेलमंत्री नहीं हुए हैं. सरकार ये जताने की कोशिश कर रही है कि रेल बजट के बाद पैदा हुआ संकट मामूली संकट है जिसे आसानी से सुलझा लिया जाएगा लेकिन विपक्ष की राय कुछ और है.
मौका मिला तो फिर ऐसा ही बजट पेश करूंगा: दिनेश त्रिवेदी
रेल बजट पेश करने के एक दिन बाद रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि अगर उन्हें फिर से बजट पेश करने के लिए कहा जाएगा तो वह ऐसा ही बजट पेश करेंगे.
आंकड़ों का गणित – दरअसल अभी लोकसभा में यूपीए के 277 सांसद हैं. इसमें कांग्रेस के 206 और टीएमसी के 19 सांसद शामिल हैं लेकिन अगर टीएमसी के 19 सांसद बाहर होते हैं तो ये आंकड़ा 258 पर पहुंच जाएगा जो कि बहुमत से 14 कम है. सूत्रों का दावा है कि कांग्रेस ममता की कमी मुलायम सिंह से पूरा कर सकती है. समाजवादी पार्टी के पास 22 सांसद हैं.
मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार: भाजपा
रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी को लेकर संप्रग के प्रमुख घटक दल तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के बीच रस्साकशी तेज होती देख भाजपा ने कहा कि मध्यावधि चुनाव के लिए पार्टी पूरी तरह तैयार है. पार्टी के वरिष्ठï नेता वेंकैया नायडू ने कहा कि मध्यावधि चुनाव को लेकर अटकलें सरकार की ओर से ही शुरू हुई हैं और भाजपा ने इन आशंकाओं को जन्म नहीं दिया. जब नायडू से पूछा गया कि क्या भाजपा मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार है तो उन्होंने कहा कि हम किसी भी टर्म के लिए तैयार हैं. इससे पहले पार्टी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने भी कहा था कि राजग भविष्य में कुछ और दलों को अपने में शामिल कर और मजबूत होगा और वह मध्यावधि चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है.
तृणमूल का संसद परिसर में धरना
तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने रेल किराये में बढ़ोत्तरी को वापस लेने और पश्चिम बंगाल को वित्तीय पैकेज देने की मांग को लेकर संसद भवन परिसर में धरना दिया. तृणमूल कांग्रेस ने हालांकि इस बात से इनकार किया कि केंद्र की संप्रग सरकार को किसी तरह का खतरा है लेकिन इस बात पर जोर दिया कि रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी को जाना ही होगा. दिलचस्प बात यह है कि त्रिवेदी तृणमूल के ही हैं. धरना के बाद तृणमूल संसदीय दल के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि हम सरकार को पूरा समर्थन दे रहे हैं. उनसे पूछा गया था कि सरकार स्थिर है या उसे किसी तरह का खतरा है.
यह पूछे जाने पर कि क्या त्रिवेदी रेलमंत्री बने रहेंगे या नहीं, उन्होंने कहा कि त्रिवेदी एक व्यक्ति हैं. तृणमूल कांगेस की राय है कि यदि वे रेल बजट में बढ़ाए गए यात्री किराए को वापस नहीं लेते तो उन्हें रेल मंत्री पद पर नहीं रहना चाहिए. बंदोपाध्याय ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने एनसीटीसी पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री से समय मांगा है.
मुलायम को साथ लेगी कांग्रेस?
कांग्रेस अब दीदी के तेवरों पर बस अब बहुत हुआ के मूड में है. ममता के जाने पर सरकार बची रहे, इसके लिए अंदरखाने समाजवादी पार्टी से बात चल रही है. कांग्रेस समाजवादी पार्टी को तृणमूल के विकल्प के तौर पर देख रही है. सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक होगी, जिसमें समाजवादी पार्टी को यूपीए-2 में शामिल करने पर चर्चा की जाएगी. साथ ही कांग्रेस ने आम बजट और रेल बजट को पास कराने के मुद्दे पर ममता के वॉकआउट करने की स्थिति में समाजवादी पार्टी से समर्थन मांगा है. समाजवादी पार्टी सरकार में शामिल भी हो सकती है.
सोनिया गांधी ने गुरुवार को इसके साफ संकेत दिए. गौर करने वाली बात यह कि सोनिया ममता के इतने हंगामे पर एक भी शब्द नहीं बोली हैं. जाहिर है ममता को इस बार ज्यादा भाव न देने का मन बना लिया गया है. संकेत यह भी हैं कि ममता के अलग होने से लेफ्ट भी एक बार फिर यूपीए-2 का हिस्सा बन सकता है. उधर, मुलायम को भी कांग्रेस का हाथ थामने का यह सबसे सही वक्त लग रहा है. यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार बन चुकी है और अखिलेश गद्दी संभाल चुके हैं. एसपी को अब अपने चुनावी वादे पूरे करने के लिए पैकेज की दरकार है. मुलायम भी अब यूपी की टेंशन से मुक्त होकर राष्ट्रीय राजनीति में खुलकर हाथ आजमाना चाहते हैं. तृणमूल की जगह भरने का समाजवादी पार्टी को यह सुनहरा अवसर नजर आ रहा है.
रेलमंत्री पर सरकार स्थिति स्पष्ट करे: विपक्ष
केंद्रीय रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी के मुद्दे पर विपक्षी दलों ने संप्रग सरकार पर निशाना साधा है. विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि रेल मंत्री के इस्तीफे पर यूपीए सरकार की सहयोगी दल तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के अलग-अलग बयान बेहद आश्चर्यजनक है. सरकार को यह साफ करना चाहिए कि दिनेश मंत्री रेल मंत्री हैं अथवा नहीं.
त्रिवेदी ने नहीं दिया है इस्तीफा-सरकार
केंद्र सरकार ने गुरुवार को संसद में स्पष्ट किया कि रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने इस्तीफा नहीं दिया है. त्रिवेदी के इस्तीफे को लेकर अटकलें तब शुरू हुईं जब लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज व अन्य विपक्षी नेताओं ने एक नोटिस जारी कर प्रश्नकाल स्थगित करने और सदन में इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए कहा. वैसे अध्यक्ष मीरा कुमार ने नोटिस का अनुमति नहीं दी. उनका कहना था कि ऐसा कोई नियम नहीं है, जिसके तहत विपक्ष की इस मांग को पूरा किया जा सके. रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी के इस्तीफे पर प्रधानमंत्री ने बयान दिया है कि यदि जरूरत हुई तो वह दिनेश त्रिवेदी को रेल मंत्री के पद से हटाने पर विचार करेंगे. सदन में वित्त मंत्री और संसदीय मामलों के मंत्री राजीव शुक्ला ने स्पष्ट किया कि सरकार को अभी तक केंद्रीय रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी का इस्तीफा नहीं मिला है.