श्री हेमाम्बरा मंदिर में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन
- भक्ति संध्या में भाव विभोर हुए श्रोता
भोपाल, बच्चों में शुरू से ही भक्ति के लिए प्रेरित करना चाहिए यानी हर मनुष्य को भगवान की भक्ति बचपन से ही करना चाहिए. जो भी मनुष्य बचपन से ही भगवान की भक्ति करते हैं उनके जीवन में सभी तरह की कामनाएं पूर्ण होती हैं.
भगवान की भक्ति करने से मनुष्य का जीवन सहज और सरल हो जाता है. ये उद्गार भागवताचार्य कृष्ण मोहन महाराज ने श्री हेमाम्बरा देवी मंदिर में श्रीमद् भागवत पुराण के अंतर्गत आज तृतीय दिवस की कथा में व्यक्त किए.
आचार्य ने श्री दक्ष यज्ञ विध्वंस का वर्णन करते हुए कहा कि दक्ष ने अनबन होने की वजह से भगवान शिव को यज्ञ में आमंत्रित नहीं किया था. अपने पति भगवान भोलेनाथ का अपमान देखकर भगवती सती नाराज हो गईं थी, और दक्ष के यज्ञ का विद्धंश हो गया.
आचार्य श्री ने बाबा भोलेनाथ की करुणा अवतार की कथा एवं नरसिंह अवतार की कथा विस्तारपूर्वक वर्णन किया. ध्रुव चरित्र का वर्णन करते हुए आचार्य श्री ने बताया कि भगवान की भक्ति एवं तपोबल की वजह से बालक धु्रव सर्वश्रेष्ठ भक्त होने का यश मिला. राजा बलि की कथा विस्तारपूर्वक वर्णन करते हुए वामन अवतार की झांकी प्रस्तुत की गई.
राजा बलि ने भगवान बामन को तीन पग भूमि दान करके भगवान बामन को जीत लिया. भगवान बामन राजा बलि के सामने नतमस्तक हो गए और कहने लगे कि मैं तो तुम्हें जीतने के लिए आया था, लेकिन तुमने मुझे जीत लिया. तुम परम भक्त हो तुम्हारा सदा ही नाम अमर रहेगा कथा में भक्तों ने बड़े भक्ति भाव से कथा श्रवण किया.
कथावाचन 3 बजे से शाम 6 बजे तक श्री हेमम्वरा देवीमंदिर ई-2 अरेरा कॉलोनी में आयोजित की जा रही है. कथा के यजमान राकेश राधा शर्मा, राजेश भारती शर्मा ने अपनी माता शकुंतला देवी के कथना अनुसार आयोजित की है. स्वर्गीय गोपाल दास जी शर्मा की स्मृति में कथा आयोजित की जा रही है.