बिस्तर चोरी की समस्या रोकने रेलवे लागू कर रहा नये नियम
- अब यात्रियों का ब्यौरा भी अटेंडरों को दिया जाएगा
- एसी कोच के बिस्तर की सुरक्षा अटेंडर के जिम्मे
नवभारत न्यूज भोपाल, ट्रेनों के एसी कोच में यात्रियों को दिए जाने वाले बिस्तर की सुरक्षा का जिम्मा रेलवे प्रशासन अब कोच अटेंडर को देने जा रहा है. इसके लिए उन्हें अब यात्रियों का पूरा ब्यौंरा भी दिया जाएगा.
जिसकी मदद से वे यात्री से ट्रेन के गंतव्य स्टेशन से उतरने के आधा घंटा पहले पूरा बिस्तर वापस ले लेंगे. रेलवे ने यह प्रस्ताव सभी जोन कार्यालय के मुख्यालय को भेजा है. जिसमें निर्देश दिए गए हैं कि ट्रेनों में मौजूद रहने वाले अटेंडरों को बेडरोल की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी जाए.
रेलवे के द्वारा सभी यात्री गाडिय़ों के एसी कोचों में बिस्तर चोरी की बढ़ती निरंतर बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए इसके उपयोग के नियमों में बदलाव किया जा रहा है. रेलवे में एसी कोच में यात्रियों दिए जाने वाले बिस्तरों की लगातार चोरी हो रही है. इसे रोकने अब रेलवे ने कोच में यात्रियों की सुरक्षा में रहने वाले अटेडरों को जिम्मेदारी सौंपने की योजना बनाई है. ताकि बिस्तरों की चोरी पर प्रभावी रूप से अंकुश लग सके. हालांकि इस नई व्यवस्था पर अभी अमल शुरू नहीं हुआ है.
जानकारी के अनुसार रेलवे प्रशासन को लगभग सभी ट्रेनों के एसी कोचों से बिस्तर चोरी होने की शिकायतें निरंतर मिल रही हैं. रेलवे के नए नियम के अनुसार अब यात्री गंतव्य स्टेशन तक बेडरोल उपयोग नही कर पाएंगे.
रेलवे ने सभी जोन कार्यालयों के मुख्यालयों को निर्देश दिए हैं कि प्रारंभिक तौर पर कोच में अटेंडर को निर्देश दिए जाएं कि वे यात्रियों के उतरने के 30 मिनट पहले ही उनसे बिस्तर में शामिल कंबल चादर, तकिया, तौलिया उनसे एकत्रित कर लें. नए निर्देश में यह भी सुझाव है कि अगर बिस्तर की कोई भी वस्तु गायब होती है तो उसके भुगतान की राशि अटेंडर से वसूली जाएगी. नए नियम बनने से अब एसी कोचों में सफर के दौरान यात्रियों की सुविधा का ध्यान रखने वाले कोच अटेंडर रेलवे की संपत्ति की भी सुरक्षा कर सकेंगे.
एक साल में रेलवे को 14 करोड़ की चपत
रेलवे सूत्रों के अनुसार पिछलेे एक वर्ष में ट्रेनों के एसी कोचों से करीब 21 लाख 72 हजार 246 रु. की बिस्तर की वस्तुए गायब हुई हैं. जिसमें 12 लाख 83 हजार 415 रु. के तौलिए, 4 लाख 71 हजार 077 रु. की चादरें और 3 लाख 14 हजार 952 रु. के तकिए के गिलाफ चोरी कर लिए गये. इसके अतिरिक्त 56 हजार 287 रु. के तकिए और 46 हजार 515 रु. कंबल गायब हैं. रेलवे सूत्रों के अनुसार एक साल में चोरी गए बिस्तर में शामिल चादर, तौलिया, कंबल तकिया की कुल कीमत करीब 14 करोड़ के लगभग बताई जा रही है.
नई व्यवस्था से यात्रियों को यह लाभ मिलेगा
ट्रेनों में एसी कोच से सफर करने वाले यात्रियों को अब यह लाभ होगा कि वे बिना किसी हिचक के बेफिक्र होकर आराम की नींद भी ले सकेंगे. इसके पीछे का मुख्य कारण यह होगा कि अब उनसे किसी भी हाल में कोच अटेंडर उनसे बिस्तर लेने आएगा तो उन्हें गंतव्य स्टेशन से पहले ही जगा देगा. इससे अब यात्रियों को तय समय नींद खुलने का तनाव नही होगा और वह बेफिक्र होकर सो सकेंगे. साथ ही अब स्टेशन निकल जाने का तनाव भी नहीं होगा. क्योंकि नए नियम के प्रावधान अनुसार यात्रियों से बिस्तर लेने अटेंडर को यात्रियों को जगाना ही पड़ेगा.
चोरी रोकने नियम में बदलाव होगा
सभी यात्री गाडिय़ों के एसी कोच में सफर करने वाले यात्री संदेह के घेरे में है. बताया जा रहा है कि अधिकांशत: यात्री ही अपने सामान के साथ समेट कर कंबल व चादर भी ले जाते हैं. इससे रेलवे को हर साल करोड़ों का नुकसान हो रहा था जिसे बचाने अब रेलवे ने तकिया, कंबल, चादर और तौलिया की चोरी रोकने नियम में बदलाव किया जा रहा है. ताकि चोरी को रोका जा सके.