सीएम चौहान ने अध्यापक संघ की सभी मांगों को स्वीकार कर लिया
भोपाल, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अध्यापकों को शिक्षा विभाग में संविलियन का फैसला कर लिया है और इसके आदेश 13 जुलाई को या इसके आसपास जारी हो सकते हैं.
यह दावा पुराने आजाद अध्यापक संघ के प्रांताध्यक्ष भरत पटेल ने किया है. बताया जा रहा है कि यह टीम आज सीएम शिवराज सिंह से मिली और उन्होंने इनकी सभी मांगों को स्वीकार कर लिया है.
प्रतिनिधि मंडल में भरत पटेल प्रांताध्यक्ष, जावेद खान महासचिव, अजय बख्शी उपाध्यक्ष, रमेन्द्र राजावत संगठन मंत्री, संतोष सोनी मंडला जिलाध्यक्ष, देवेंद्र दीक्षित डिंडोरी जिलाध्यक्ष सुजीत व्यवहार,ज्योत सिंह धुर्वे, आदि शामिल थे.
बता दें कि सीएम शिवराज सिंह ने खुद ऐलान किया था कि अध्यापक अब शिक्षा विभाग के कर्मचारी होंगे लेकिन बाद में राज्य शिक्षा सेवा को मंजूरी दे दी गई. इस तरह सरकार ने अध्यापकों को तीसरी बार नया पदनाम दे दिया.
अध्यापकों ने इसे सिरे से खारिज कर दिया था और एक बार फिर विरोध की बातें शुरू हो गईं थीं. पिछले बीस साल से आंदोलनरत अध्यापकों को इस बार सरकार से बड़ी उम्मीद थी.
शिक्षा विभाग की मांग की जा रही थी, जिससे अध्यापकों को बीमा, पेंशन, तबादला व शिक्षक संवर्ग के समान अन्य सुविधाएं मिलतीं, लेकिन सरकार ने राज्य शिक्षा सेवा का गठन कर अध्यापकों को फिर जरूरी सुविधाओं से महरूम रखा.
नए कैडर से आपत्ति क्या है
नए कैडर में भी उक्त सुविधाएं के बारे में कोई जिक्र नहीं है, लेकिन जो नई सेवा शर्तें थोपी जा रही हैं, वह विसंगतिपूर्ण हैं. अब वरिष्ठता का निर्धारण अध्यापक संवर्ग दिनांक से किया जाएगा, जिसे 2007 में बनाया था, जबकि कई अध्यापक 1998 से कार्य कर रहे हैं. वरिष्ठता में तीन साल की संविदा अवधि की गणना भी नहीं की जाएगी.