शिमला,
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि ‘कार्बन न्यूट्रल’ बनने की दिशा में अग्रसर हिमाचल प्रदेश में प्लास्टिक बैग के उपयोग पर लगा प्रतिबंध सराहनीय है तथा ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के तहत यह ‘खुले में शौच से मुक्त’ राज्य घोषित किया जा चुका है।
श्री कोविंद इन दिनों हिमाचल प्रदेश के दौरे पर है। राज्य की यात्रा के दौरान उन्होंने अपने अनुभवों की बानगी ट्वीट के जरिए व्यक्त की है।
राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, “उत्तर-पूर्व क्षेत्र के राज्यों से लेकर जम्मू और कश्मीर तक पूरे हिमालय क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश की एक केंद्रीय स्थिति है। आज हिमाचल प्रदेश को पहाड़ी क्षेत्रों के विकास का मॉडल माना जाता है। राज्य के करीब
हर गांव के युवा भारतीय सेना को सेवा प्रदान कर रहे हैं। मुझे बताया गया है कि राज्य में भूतपूर्व सैनिकों की संख्या एक लाख दस हजार से भी अधिक है ।
कारगिल युद्ध के शहीद, मरणोपरांत परम वीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा, परम वीर चक्र विजेता सूबेदार संजय कुमार और शहीद कैप्टन सौरभ कालिया ने पूरे देश का और राज्य का मस्तक ऊंचा किया है और इसीलिए हिमाचल प्रदेश को ‘देव-भूमि’ के साथ-साथ ‘वीर-भूमि’ कहना उपयुक्त होगा।”
उन्होंने कहा, “हिमाचल प्रदेश हाइड्रो-इलेक्ट्रिसिटी का प्रमुख केंद्र है। यहां की नदियों और झरनों में विद्युत-उत्पादन की बहुत अधिक क्षमता है। कृषि और बागवानी के क्षेत्र में भी हिमाचल प्रदेश की सफलता सराहनीय है। कांगड़ा हवाई अड्डे से उड़ानों में वृद्धि होने के कारण पर्यटन के विकास को बल मिलेगा।
पर्यटन के अनछुए क्षेत्रों के विकास के लिए ‘नई राहें, नई मंज़िलें’ नामक योजना पर काम शुरू किया गया है तथा पर्यटन के विकास के लिए अन्य कई कदम भी उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने हिमाचल की जनता से अपनी सांस्कृतिक और नैतिक विरासत को सहेजते हुए आर्थिक और सामाजिक विकास के पथ पर आगे बढ़ते रहने तथा यहां के पर्यावरण एवं वन्य संपदा को बचाकर रखते हुए राज्य को आधुनिक विकास के शिखर तक ले जाने का आह्वान किया।
राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, “मैं राष्ट्रपति के रूप में अपने मनोनयन में देवभूमि हिमाचल के आशीर्वाद को देखता हूं। पिछले वर्ष हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के निमंत्रण पर मई के अंत में बिहार के राज्यपाल के रूप में मैं यहां आया था।
यहां आने के करीब बीस दिन बाद ही मुझे राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के रूप में मनोनीत किया गया। देश के राष्ट्रपति के रूप में पहली बार यहां आकर मुझे बहुत प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है।”