केंद्र में साझा सरकारों के दौर में हरियाणा के मुख्यमंत्री चौधरी देवी केंद्र में उप प्रधानमंत्री पद तक आ गये. उन्होंने देश में हरियाणा राज्य से किसानों का कर्ज माफी का नया कार्यक्रम का दौर शुरु किया. जो इस देश की राजनीति में संक्रामक आर्थिक बीमारी की तरह फैल गया. हर सरकार को हर पार्टी इसके दुष्प्रभाव से प्रभावित है.
महाराष्ट्र में किसान कर्ज माफी बड़ा आंदोलन चला. उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के आते ही किसान कर्ज की माफी की मांग उठी. लेकिन मध्यप्रदेश के मुख्यंमत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने किसान कर्जमाफी की नीति को नहीं माना. लेकिन उसके बदले में किसानों को भावान्तर राहत खरीदी समर्थन मूल्य के ऊपर बोनस फसल मुआवजा आदि प्रदान किये.
इसी दौर में मंदसौर में किसान आंदोलन भडक़ गया और पुलिस गोली चालन हो गया. यह चुनावी मुद्दा है. कांग्रेस अध्यक्ष श्री राहुल गांधी ने अपने मंदसौर दौरे में यह घोषित कर दिया कि आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी जीती तो 10 दिन के अंदर किसानों का कर्ज माफ कर दिया जायेगा.
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के श्री नरेंद्र मोदी व श्री चौहान पर व्यंग्य भी किया कि वे उद्योगपतियों को कर्जा देते हैं और उन्हें देश से बाहर जाने देकर उनकी कर्जमाफी हो जाती है. लेकिन इस मामले में वे किसानों के प्रति उदार नहीं है.