उपार्जन में गड़बड़ी की मिली हैं कई शिकायतें
भोपाल,
प्रदेश में गेहूं खरीदी के लिए इंदौर, उज्जैन एवं भोपाल-होशंगाबाद संभाग के जिलों में समय सीमा समाप्त हो गई है. साथ ही शेष संभाग के जिलों में 26 मई तक खरीदी होगी.
अभी तक की खरीदी में सामने आया है कि 21 जिलों में औसत से अधिक की खरीदी की जा चुकी है, कुछ जिलों में खरीदी में गड़बड़ी भी सामने आई है. इसको देखते हुए अब गेहूं भंडारण गोदामों पर विशेष टीम छापामार कार्रवाई करेगी. टीम का गठन किया जा चुका है.
दरअसल उपार्जन में गड़बड़ी को लेकर काफी शिकायतें पहुंची हैं. कई शिकायतों में तो यहां तक बताया गया है कि ऐसे किसानों का पंजीयन कर लिया गया, जिनके खेतों में गेहूं नहीं था.
खाद्य विभाग की प्रमुख सचिव नीलम शमी राव ने भी मुख्य सचिव व कृृृृषि विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर गड़बड़ी से अवगत कराया था. सूत्रों की मानें तो कई जिलों में खरीदी में तैनात अधिकारियों ने अपने हिसाब से अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए बड़े स्तर पर गड़बडिय़ां की. गठित विशेष टीम गोदामों में छापामार कार्रवाई करने के साथ अन्य दस्तावेजों को भी खंगालेगी.
भोपाल-होशंगाबाद में मिट्टी का कारोबार
राजधानी भोपाल व होशंगाबाद जिले में गेहूं में मिट्टी मिलाए जाने की जानकारी सामने आई थी. भोपाल के अलावा होशंगाबाद में भी मामला दर्ज कराया गया है. इसके साथ ही सीमावर्ती जिलों में औसत से अधिक खरीदी होने से वे राडार पर आ गए हैं. श्योपुर, गुना, अशोकनगर, ग्वालियर, मंदसौर, नीमच,बड़वानी, बुरहानपुर सहित एक दर्जन जिलों में अपेक्षाकृत अधिक खरीदी की जा चुकी है.