हिंदी लेखिका संघ द्वारा यात्रा वृत्तांत एवं संस्मरण पर मासिक गोष्ठी का आयोजन
भोपाल,
मानस भवन में हिंदी लेखिका संघ की यात्रा वृत्तांत एवं संस्मरण पर आधारित मासिक गोष्ठी आयोजन हुआ.इस गोष्ठी में लेखिकाओं ने रोचक तरीके से अपने-अपने यात्रा वृतांतों को सुनाया, लेखिकाओं ने संपूर्ण भारत के विभिन्न पर्यटन स्थलों और दुर्गम तीर्थ स्थानों की यात्राओं का वर्णन किया. गोष्ठी में मधुलिका सक्सेना ने नाथुला दर्रे की यात्रा की बहुत रोचक घटनाएं सुनाईं, वही कमल भार्गव ने कुल्लू मनाली की रोमांचक यात्रा, सुधा दुबे ने सिंगापुर की अपनी यात्रा के बारे में बताया.
युवा लेखिका नम्रता नागर जो कि वर्ष भर एकल यात्रा करती रहती हैं, उन्होंने अपनी अर्ध मानसरोवर, उत्तराखंड के कुमाऊँ मंडल के दुर्गम रास्तों में 10 दिनों की एकल यात्रा ए दिल्ली से पिथौरागढ़, मुनस्यारी,धारचूला, नारायण आश्रम, लिपुलेख दर्रे, मानसरोवर रुट जैसे अनदेखे गंतव्यों स्थानों, जो समुद्र तल से 2000 मीटर की ऊँचाई पर स्थित हैं.
व लगभग 1500 किलोमीटर की यात्रा तक पंहुचने के रोचक अनुभव सुनाए. वह अपने संपूर्ण भावों से बड़ेे ही मनोरंजक तरीके से व्यक्त करता है, इसके अतिरिक्त आशा शर्मा, कुलतार कौर, सुधा दुबे, मधुलिका सक्सेना, कमल भार्गव, शोभा शर्मा, शैफ ोलिका, डॉ. माया दुबे, मालती बसंत ने अपने अनुभव सुनाए.
मानव यात्रा अनादि काल से करता चला आ रहा है, जीवन को समीप से देखने का सबसे सरल माध्यम यात्रा करना है, साहित्य में यात्री अपनी यात्रा के प्रत्येक स्थल को देख उसकी जो भावनाएं उमड़ती हैं उनका वर्णन करता है. कोई भी लेखक जब एक यात्रा में वहां के प्राकृतिक दृश्य और जीवन को समीप से देखता है तो उसके लेखन में उसका चित्र उभर आता है.
-अनीता सक्सेना, लेखिका संघ