चुनाव विश्लेषण
विशेष प्रतिनिधि
झाबुआ, आदिवासी-बहुल झाबुआ-अलीराजपुर जिले की पाँचों सीटों पर भाजपा का कब्जा है. विधानसभा चुनाव के लिए दोनों ही पार्टियां चुनाव जिताऊ चेहरों की खोज में जुट गई हैं, परंतु दोनों ही पार्टियों की आंतरिक गुटबाजी ने उनके गणित गड़बड़ा दिये हैं.
झाबुआ विस सीट पर वर्तमान में भाजपा काबिज है और जीत को बरकरार रखने के लिए भाजपा हर रणनीति आजमाने को तैयार दिख रही है. परंतु यहां भाजपा को कई तरह की गुटीय खींचतान का सामना करना पड़ सकता है, क्योकि वर्तमान विधायक शांतिलाल बिलवाल के अलावा संघ से जुड़े मेगजी अमलीयार, भाजयुमो जिलाध्यक्ष भानु भूरिया, थावरसिंह भूरिया, कल्याण डामोर भी टिकट के लिए ताल ठोक रहे हैं.
वहीं कांग्रेस में भी सांसद कांतिलाल भूरिया की कद्दावर उपस्थिति के बावजूद टिकट के झगड़े थम नहीं रहे हैं. कांग्रेस में भी सभी विस क्षेत्रों के लिए एक से अधिक दावेदार पंजा लड़ाने को तैयार बैठे हैं.
कांग्रेस में झाबुआ विसं सीट से पूर्व विधायक जेवियर मेडा, पूर्व जनपद अध्यक्ष शंकरसिंह भूरिया, डॉ. विक्रांत भूरिया, आशीष भूरिया टिकट की दौड़ में हैं. जेवियर आलाकमान पर भरोसा कर रहे हैं तो डॉ. विक्रांत को अपने पिता की पहुंच का भरोसा है. जबकि शंकरसिंह भूरिया जमीनी पकड़ के बूते, तो आशीष युवाओं का साथ होने को लेकर दावेदारी कर रहे हैं.
थांदला विस क्षेत्र में भाजपा की ओर से मौजूदा विधायक कलसिंह भाबर, पूर्व नपं अध्यक्ष सुनीता बसावा, दिलीप कटारा, राजू डामोर टिकट के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं. कांग्रेस से पूर्व विधायक वीरसिंह भूरिया, ब्लाक अध्यक्ष गेंदाल डामोर, युवा नेता जसवंत भाबर मैदान में उतरने के समीकरण खंगाल रहे हैं.
इसी तरह, पेटलावद विस क्षेत्र में भाजपा की ओर से वर्तमान विधायक निर्मला भूरिया अपनी वरिष्ठता के दम पर टिकट की चाह रखती हैं, तो निवृत्तमान टेक्नोक्रैट गुलाबसिंह डामोर संघ में अपनी पेठ के भरोसे टिकट का दावा कर रहे हैं.
इनके अलावा, उमा भारती के करीबी अजमेर सिंह और भाजयुमो के नीलेश मीणा भी टिकट की जुगाड़ में लगे हैं. इस विस क्षेत्र में कांग्रेस के घर में भी बर्तन बज रहे हैं. पूर्व विधायक वालसिंह मेडा, पूर्व जनपद अध्यक्ष हीरालाला डाबी, कई बार बागी हो चुके युवा नेता कलसिंह भूरिया और जिपं सदस्य रूपसिंह डामोर टिकट की दौड़ में शामिल हैं.
अलीराजपुर और जोबट दोनों विस सीटों के लिए दोनों ही पार्टियां टिकट वितरण के पहले ‘गृह शांति’ के उपाय कर रही हैं. अलीराजपुर विस क्षेत्र में भाजपा में मौजूदा विधायक नागर सिंह चौहान के अलावा भदू पचाया और वकील सिंह ठकराला के नाम दावेदारों में शामिल हैं. यहां भाजपा के घर में झगड़े का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नागरसिंह चौहान अपना टिकट कटने की दशा में अपनी पत्नी जिपं अध्यक्ष अनीता चौहान या भाई इंदरसिंह चौहान की प्रबल दावेदारी प्रस्तुत करेंगे.
कांग्रेस में नपं अध्यक्ष सोना पटेल के अलावा राजेन्द्र पटेल, मुकेश पटेल के बीच टिकट के लिए पारिवारिक युद्ध भी हो सकता है. जोबट विस क्षेत्र में भी दोनों ही दल कलह से मुक्त नहीं दिख रहे हैं. यहां भाजपा के लिए वर्तमान विधायक माधौसिंह डावर के अलावा कलम सिंह कनेश और मुकाम सिंह डावर टिकट के लिए अपनी जोर-अजमाइश करेंगे.
वहीं, कांग्रेस की ओर से पूर्व विधायक सुलोचना रावत, पुत्र विशाल रावत के अलावा उदयगढ़ ब्लॉक अध्यक्ष कमरू अजनार टिकट की दौड़ में शामिल हैं. इस तरह दोनों जिलों की विधानसभा सीटों पर दोनों ही पार्टियां गृह क्लेश के रोग से मुक्त नहीं है.
कलावती पर टिकीं निगाहें
झाबुआ जिले की कांग्रेस राजनीति में फायरब्रांड नेता के तौर पर समझी जाने वाली झाबुआ जिपं अध्यक्ष कलावती भूरिया पर सबकी निगाहें टिकी हैं. सुश्री भूरिया पूर्व में बागी के तौर पर झाबुआ विस से चुनाव लडक़र कांग्रेस को काफी नुकसान पहुंचा चुकी हैं. इस बार उनका नाम झाबुआ जिले की पेटलावद और अलीराजपुर जिले की जोबट सीटों से चर्चा में है.
यदि पार्टी उन्हें कहीं से टिकट देकर समायोजित करती है तो दोनों स्थानों से टिकट की दौड़ में चल रहे किसी न किसी नाम की बलि चढ़ानी होगी. यदि ऐसा नही हुआ तो कलावती क्या फिर बगावत का बिगुल फूंकेंगी? यह सवाल कांग्रेस में बड़े तनाव का कारण बना हुआ है.