पाकिस्तान को एक अंतराष्ट्रीय संस्था एफ.ए.टी.एफ. (फिनानशियल एक्शन टास्क फोर्स) ने पाकिस्तान को एक बार फिर से आतंकी देशों के ‘ग्रे’ सूची में डाला है. यह कोई नयी या बड़ी खबर नहीं है. अंतराष्ट्रीय स्तर पर यह माना ही जा चुका है कि पाकिस्तान में तमाम आतंकी संगठन आकर भर गये है और इस्लाम के नाम पर भारत और अफगानिस्तान पर लगातार आतंकी हमले करते जा रहे हैं.
उन्हें पाकिस्तान की सरकार व उसकी गुप्तचर एजेंसी आई.एस.आई. भारत के विरुद्ध काश्मीर और हिन्दू होने का मुद्दा और अफगानिस्तान के लिये उसे अमेरिकी सहायता पाने वाला हिमायती देश कह कर उन्हें अफगानिस्तान में हमले करा रहा है. इस समय पाकिस्तान में 7 आतंकी संगठन (1) जमात-उल-दावा (2) लश्करे तैयबा (3) जैशे मोहम्मद (4) अलकायदा (5) हरफत उल जिहादी सक्रिय है.
पाकिस्तान ने इस संस्था में अपना पक्ष रखते हुए उसे सूची में न डालने का आग्रह किया. लेकिन अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन इस पर दृढ़ थे और उसे आतंकी सूची में डाल दिया. भारत व अमेरिका ने इस निर्णय का स्वागत किया है. उस पर यह गंभीर आरोप लगाया गया है कि वह आतंकियों की फंडिंग कर रहा है. दूसरी ओर पाकिस्तान ने एफ.ए.टी.एफ. को वचन दिया है कि वह 15 महीनों में उसके देश में आतंकियों के विरुद्ध कार्यवाही करेगा.
चीन इस मामले पर पाकिस्तान की हिमायत में इस तरह बोल गया कि वह भी इस बात को साबित करता है कि वहां आतंकी प्रभुत्व है.चीन ने कहा कि पाकिस्तान स्वयं आतंकवाद से प्रभावित है और उन पर कार्यवाही करता जा रहा है.
अफगानिस्तान में रूस के अधिपत्य के समय अमेरिका व पाकिस्तान ने रूस के विरुद्ध अफगानिस्तान में आतंकी हमले कराने के लिए पाकिस्तान ने ओसामा बिन लादेन के तालिबानी अलकायदा संगठन के अलावा कई अन्य आतंकवादी संगठन बनाए. अफगानिस्तान में रूस के हट जाने के बाद में आतंकी संगठन ‘बेकार’ हो गए और पाकिस्तान में काबिज हो गए हैं. पाकिस्तान ने उन्हें काम देने के लिए भारत में काश्मीर और अफगानिस्तान में आतंकी हमलों का काम दे दिया है. उसे इनको खर्चा व काम दोनों देने पड़ रहे हैं.
लेकिन पाकिस्तान में अगले कुछ दिनों में आतंक का ज्वार आने वाला है और वह देश तेजी से तबाही की ओर बढ़ जाएगा. वहां नेशनल असेम्बली के आम चुनाव होने जा रहे हैं. उसमें आतंकी सरगना हाफिज सईद अपनी पार्टी बनाकर चुनाव मैदान में उतरने का ऐलान कर चुका है. वह पूरी तौर पर भारत और अमेरिका के विरुद्ध है. यदि उसे चुनावों में सफलता बहुमत या असरदार संख्या में मिल गई तो पाकिस्तान में खुले तौर पर आतंक का सरकारीकरण हो जायेगा. उस समय यह खतरा भी पैदा हो जायेगा कि पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार है जो हाफिज सईद के पास पहुंच जायेंगे.
पाकिस्तान के पास मिसाइल सिस्टम भी है. उत्तरी कोरिया के तानाशाह शासक किम की तरह परमाणु श हमलों की धमकी व कार्यवाही कर सकता है. पर चुनाव के बाद पाकिस्तान गंभीर आतंकी व अंतराष्ट्रीय शिकंजे में आ सकता है.