बैंकों से परेशान युवक ने लगाई गुहार
- स्वरोजगार स्थापना में समस्या बने अफसर
भोपाल,
सरकार युवाओं को स्वरोजगार स्थापना में सहायता देने के लिए नई-नई योजनाएं बनाती है लेकिन अफसरों की लापरवाही के चलते इन योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को बमुश्किल ही मिल पाता है.
बैंकों द्वारा स्वरोजगार के लिए कर्ज देने में आनाकानी करने का ऐसा ही एक मामला सामने आया है. चंदेरी से आए एक शिक्षित बेरोजगार युवक ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर अपने व्यवसाय की स्थापना हेतु ऋण दिलाने की मांग की है.
चंदेरी निवासी निर्मल कुमार विश्वकर्मा के मुताबिक वह फर्नीचर की दुकान का संचालन कर रहा है लेकिन आॢथक स्थिति कमजोर होने के कारण दुकान सही तरीके से नहीं चला पा रहा है. विश्वकर्मा द्वारा लिखे गये पत्र के मुताबिक उन्होंने पिछले साल 23 जनवरी को पंजाब एंड सीध बैंक चंदेरी में आवेदन किया था लेकिन पांच माह तक चक्कर लगाने के बाद भी लोन नहीं मिला.
बैंक के शाखा प्रबंधक ने फर्नीचर निर्माण को आर्थिक रूप से सक्षम इकाई नहीं मानते हुए ऋण के प्रकरण को खारिज कर दिया.
इसके अलावा उन्होंने गत वर्ष 20 जून को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में भी कर्ज के लिए आवेदन दिया था लेकिन बैंक द्वारा गारंटी की मांग की गई तथा अभी तक ऋण नहीं मिला. चारों ओर से थक हार कर विश्वकर्मा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर मदद करने की गुहार लगाई है.