ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन के सेमीफाइनल में जापानी खिलाड़ी से हारीं
- अकाने यामागूची ने कड़े सघर्ष में हराया
- यामागूची के खिलाफ सिंधू का 6-3 का था रिकार्ड
बर्मिंघम,
ओलम्पिक रजत पदक विजेता भारत की पीवी सिंधू का आल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने का सपना जापान की अकाने यामागूची के हाथों शनिवार को 21-19 19-21 18-21 से हार के साथ टूट गया.
विश्व रैंङ्क्षकग में तीसरे नंबर की भारतीय खिलाड़ी का दूसरी सीड यामागूची के खिलाफ 6-3 का करियर रिकॉर्ड था और उनके पास मैच जीतने के पूरे मौके थे लेकिन उन्होंने तमाम मौके गंवा दिए. सिंधू का इस हार से आल इंग्लैंड के फाइनल में पहुंचने वाली पांचवीं भारतीय खिलाड़ी बनने का सपना टूट गया.
प्रकाश नाथ 1947, प्रकाश पादुकोण 1980 और 1981, मौजूदा राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद 2001 और सायना नेहवाल 2015 में आल इंग्लैंड के फाइनल में पहुंचे थे. इनमें से पादुकोण और गोपीचंद ही खिताब जीत पाए हैं.
यामागूची का फाइनल में विश्व की नंबर एक खिलाड़ी और गत चैंपियन ताइपे की तेई जू यिंग से मुकाबला होगा जिन्होंने आठवीं सीड चीन की चेन यूफेई को एकघंटे चार मिनट में 21-15 20-22 21-13 से हराकर फाइनल में जगह बनाई. चौथी वरीयता प्राप्त सिंधू ने लगातार चौथा मुकाबला तीन गेमों का खेला.
पहला गेम एक समय सिंधू के कब्जे में था जब उन्होंने 17-11 की बढ़त बना ली थी लेकिन यामागूची ने वापसी करते हुए स्कोर 17-17 से बराबर कर दिया. सिंधू फिर जापानी खिलाड़ी की दो बेजां भूलों से 20- 18 की बढ़त के साथ गेम अंक पर पहुंच गयीं. यामागूची ने एक अंक लेकर स्कोर 19-20 कर दिया लेकिन सिंधू ने जबरदस्त स्मैश लगते हुए पहला गेम 21-19 पर समाप्त कर दिया.
एक गेम की बढ़त बनाने के बाद सिंधू ने दूसरे गेम गलतियां की जिसका फायदा उठाकर जापानी खिलाड़ी ने 18-14 की बढ़त बना ली. सिंधू ने वापसी करते हुए स्कोर 18-19 किया लेकिन उनकी एक गलती उन पर भारी पड़ गयी और यामागूची ने दूसरा गेम 21-19 से जीतकर मैच में बराबरी कर ली. दोनों के बीच इस दौरान कड़े संघर्ष का अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि एक बार 33 और फिर 35 शॉट की भी रैली हुई.
निर्णायक गेम में मुकाबला जोरदार रहा और इस दौरान 44 शॉट की रैली हुई. सिंधू ने 13-7 की बढ़त बना ली लेकिन यामागूची ने अपनी पूरी कोशिश करते हुए स्कोर 11-13 , 13-14 और 14-14 कर दिया.संघर्ष चलता रहा और स्कोर 17-17, 18-18 से बराबर हो गया. यहां सिंधू ने गलतियां कीं जिसका फायदा उठाकर जापानी खिलाड़ी ने लगातार तीन अंक लेकर मैच अपने नाम कर लिया.
इससे पहले भारत के एचएस प्रणय कल पुरुष एकल क्वार्टरफाइनल में हार कर बाहर हो गए. गैर वरीय प्रणय को चीन के हुयांग यूजियांग ने एक घंटे 17 मिनट तक चले मैराथन संघर्ष में 20-22 21-16 23-21 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया. विश्व रैंकिंग में 16 वें नंबर के भारतीय खिलाड़ी की 42 रैंकिंग के चीनी खिलाड़ी के हाथों चार करियर मुकाबलों में यह दूसरी हार थी.
एक गेम की बढ़त बनाने के बाद सिंधू ने दूसरे गेम गलतियां की जिसका फायदा उठाकर जापानी खिलाड़ी ने 18-14 की बढ़त बना ली. सिंधू ने वापसी करते हुए स्कोर 18-19 किया लेकिन उनकी एक गलती उन पर भारी पड़ गयी और यामागूची ने दूसरा गेम 21-19 से जीतकर मैच में बराबरी कर ली.
दोनों के बीच इस दौरान कड़े संघर्ष का अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि एक बार 33 और फिर 35 शॉट की भी रैली हुई. निर्णायक गेम में मुकाबला जोरदार रहा और इस दौरान 44 शॉट की रैली हुई.
सिंधू ने 13-7 की बढ़त बना ली लेकिन यामागूची ने अपनी पूरी कोशिश करते हुए स्कोर 11-13 , 13-14 और 14-14 कर दिया. संघर्ष चलता रहा और स्कोर 17-17, 18-18 से बराबर हो गया. यहां ङ्क्षसधू ने गलतियां कीं जिसका फायदा उठाकर जापानी खिलाड़ी ने लगातार तीन अंक लेकर मैच अपने नाम कर लिया.
इससे पहले भारत के एचएस प्रणय कल पुरुष एकल क्वार्टरफाइनल में हार कर बाहर हो गए. गैर वरीय प्रणय को चीन के हुयांग यूजियांग ने एक घंटे 17 मिनट तक चले मैराथन संघर्ष में 20-22 21-16 23-21 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया. विश्व रैंकिंग में 16 वें नंबर के भारतीय खिलाड़ी की 42 रैंकिंग के चीनी खिलाड़ी के हाथों चार करियर मुकाबलों में यह दूसरी हार थी.
अगले संस्करण में मजबूती से उतरूंगी
भारत की स्टार शटलर पीवी सिंधू ने दूसरी रैंकिंग की जापानी खिलाड़ी अकाने यामागुची के खिलाफ ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप में सेमीफाइनल मुकाबला हारने के बाद कहा है कि उन्होंने मैच में अपना 100 फीसदी प्रदर्शन किया था, लेकिन अब वह यहां अगले संस्करण में मजबूती के साथ वापसी करेंगी.
रियो ओलंपिक की रजत विजेता खिलाड़ी ने कहा यह शायद मेरा दिन नहीं था. मैंने तो अपनी तरफ से 100 फीसदी प्रदर्शन किया था. लेकिन खेल में कोई जीतता है और कोई हारता है. मैंने कई लंबी रैलियां खेलीं लेकिन यामागुची ने काफी बेहतर खेल दिखाया.
भारतीय शटलर ने कहा तीन गेमों का मैच कभी आसान नहीं होता. दो तीन अंकों से काफी फर्क पैदा हो जाता है और आखिर में कोई भी जीत सकता है. मैंने इस टूर्नामेंट से काफी कुछ सीखा है. आप जीतते और हारते हैं लेकिन यह बहुत ही बढिय़ा टूर्नामेंट रहा और मैं यहां मजबूती से वापसी करूंगी.वहीं जापानी खिलाड़ी अब खिताब के लिये विश्व की नंंबर एक खिलाड़ी ताइवान की ताई जू ङ्क्षयग से भिड़ेंगी.