मजदूरों को ही नहीं पता क्या होता है मजदूर दिवस!
नवभारत न्यूज बैतूल,
अटल मानव समस्या निवारण समिति (अटल सेना) के तत्वावधान में बैतूल लोकसभा सांसद श्रीमती ज्योति धुर्वे, नगर पालिका अध्यक्ष अलकेश आर्य व समिति अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह चौहान की उपस्थिति में मजदूर दिवस मनाया गया.
इस मौके पर एक सैंकड़ा से अधिक मजदूरों को तिलक, पुष्पमाला पहनाकर, धूप से बचने के लिए टोपी प्रदान की गई. सांसद ज्योति धुर्वे ने कहा कि मजदूर किसी भी देश की उन्नति में सबसे बड़ा कारक है, मजदूर अपने खून-पसीने से राष्ट्र निर्माण कर रहें हैं.
नपा अध्यक्ष बैतूल अलकेश आर्य ने कहा कि मजदूर के श्रम का ही फल है जो आज विश्व में बड़ी-बड़ी इमारतें, उद्योग आदि अन्य उपक्रम चल रहें हैं. राजेन्द्र सिंह चौहान (केन्डु बाबा) ने कहा कि मजदूर 43 डिग्री तापमान में जलता है तब जाकर बड़ी मुश्किल से उसका घर रोशन होता है.
श्री चौहान ने बताया कि पूर्व में मजदूरों के लिए विश्राम हेतु अटल सेना की ओर से एक अस्थाई शेड की मांग की गई थी जो विधायक निधि द्वारा पूरी की गई और कुछ ही दिनों में भूमि पूजन कर गंज बस स्टैंड पर निर्माण कार्य शुरू होने वाला है. इस मौके पर मजदूर भाईयों ने जनप्रतिनिधियों के समक्ष अपनी समस्याएं रखी.
7 दिन काम करने के बाद 1 दिन का अवकाश अनिवार्य- विदिशा. अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर विधिक साक्षरता निवारण शिविर का आयोजन नगर पालिका तथा श्रम विभाग के सहयोग से पीतलमील चौराहे पर हुये शिविर में न्यायाधीश एवं विधिक सेवा प्राधिकरण विपिन बिहारी शुक्ला के मार्गदर्शन में शुरू हुआ. अपर जिला न्यायाधीश एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने बताया कि किसी कर्मकार से लगातार 7 दिन तक काम नहीं कराया जा सकता. जब तक कि उसको 1 दिन का अवकाश न दे दिया जाये.
बाल श्रम पूर्णत: प्रतिबंधित
विदिशा. न्यायाधीश एवं सचिव द्वारा बाल श्रम प्रतिषेध और विनिमय 1986 पर प्रकाश डालते हुये कहा कि इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य यह है कि इस अधकच्ची आयु के बच्चों को खतरनाक उद्योगों में मजदूरी पर नहीं लगाया जाये.
14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को खतरनाक एवं जोखिम भरे उद्योगों पर लगाना पूर्ण रूप से प्रतिबंध किया गया है. जिला विधिक सहायता अधिकारी अनीसउद्दीन अब्बासी ने कहा कि शिविर में मजदूरों का नि:शुल्क विधिक सहायता एवं सलाह योजना के बारे में जानकारी दी. श्रम अधिकारी सुधीश कोमल ने विभाग की योजनाओं पर प्रकाश डाला.
सिर्फ तारीख पता रहती है
विदिशा. राजीव नगर श्रम विभाग कार्यालय के सामने सीवेज लाइन का कार्य कर रहे मजदूरों का कार्य देख रहे सुपरवाईजर जयंती बाई पटेल का कहना है कि हमे कोई दिवस पता नहीं है और न ही किसी ने हमें जानकारी दी. सिर्फ हमें यह पता है आज 1 मई है.
हम और हमारे मजदूर तारीख से चलते हैं और हमें तारीखे ही याद रहती हैं. झाबुआ जिले के थांदला तहसील के अंतर्गत आने वाले गोवाली गांव के निवासी मजूदरी कर रहीं मनीषा और मजरू वैन ने कहा कि हम लोग 6 माह से विदिशा आये हुये हैं और यहां पर मजदूरी का कार्र्य कर रहे हैं हमें नहीं पता आज कौन सा दिवस है. वहीं उन्होंने कहा कि हमें किसी भी योजना का लाभ नहीं दिलाया जा रहा.
सिर्फ रस्म बनकर रह गया दिवस
सीहोर.पूरी दुनिया में 1 मई को मजदूर दिवस के रूप मनाया जाता है। इस दौड़ती भागती मशीनी दुनिया में देश को प्रगति पथ पर ले जाने की जिम्मेदारी मजदूरों के कंधों पर होती है। 1 मई का दिन खास मजदूरों का होता है। इस बदलते समाज के साथ-साथ मजदूर दिवस का भी स्वरुप बदलता जा रहा है। पहले इस दिन को मजदूर अपनी एकता अखंडता अपनी उपलब्धियों को रूप में देखता था।
आज का दिन मजदूरों को देश की प्रगति में दिये गए उनके महत्वपूर्ण योगदान का एहसास करने वाला दिन माना जाता था, लेकिन अब प्रशासन और सरकार इसको रस्म बनाकर मात्र औपचारिकता पूरी कर रहे है। शहर की जनता का कहना है कि आज भी मजदूर अपने हक के लिए दर-दर की ठोकर खाने को विवश है। आज इस कम्प्यूटर युग में मजदूर को मजदूरी के लाले पडे है।
श्रमिक को पसीना सूखने से पहले मिले मजदूरी
सिलवानी/बेगमगंज. मजदूर को उसके द्वारा किए गए श्रम की मजदूरी उसका पसीना सूखने से पूर्व मिल जानी चाहिए, जिससे वह संतुष्टि का अनुभव कर सके। इसके अतिरिक्त मात्र मजदूर को ही श्रमिक नहीं माना जा सकता है। बल्कि राशि का उपार्जन करने वाले भी श्रमिक कहलाते है। यह उद्गार विधिक सेवा प्राधिकरण के तहसील अध्यक्ष व न्यायाधीश कमलेश सोनी ने सिलवानी में व्यक्त किए।
विधिक साक्षरता शिविर में समिति के अध्यक्ष एवं प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरविंद रघुवंशी ने बेगमगंज में कहा किमजदूर असंगठित है।इसलिए उसे नियमों की कानून की जानकारी नहीं है। मजदूरों के लिए आठ घंटे का समय मजदूरी के लिए निश्चित है लेकिन वह जानकारी के अभाव में 10 से 12 घंटे तक मजूदरी करता रहता है। यदि उसे कानून व नियमों की जानकारी होती तो वह दो घंटे अधिक काम करने की अतिरिक्त मजदूरी ले पाता।