जमोनिया तालाब छह फीट खाली तो भगवानपुरा तालाब में चार फीट पानी की कमी बरकरार
सीहोर 21 सितंबर नवभारत न्यूज. इस साल मानसूनी बादलों ने बरसने में कंजूसी बरती तो लबालब होने से रह गए तालाब. पार्वती नदी जरूर बेहतरीन ढंग से बह रही है पर भगवानपुरा और जमोनिया तालाब लबालब होने में कसर रह गई. जमोनिया छह फीट तो भगवानपुरा तालाब चार फिट खाली रह गया है.
इस साल समय से पूर्व आने के बाद भी मानसून उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका है. दो साल से औसत से अधिक बारिश करने वाला मानसून इस साल औसत के आंकड़े से काफी पीछे बना है. सितम्बर माह का दूसरा पखवाड़ा चल रहा है और साफ आसमान देख अंदाजा लगाया जा रहा है कि मानसून विदाई बेला में है और अब मूसलाधार बारिश नहीं हो सकेगी.
गनीमत है बाद में सक्रिय हुए बादल
इस साल मानसून के तेवरों ने शासन- प्रशासन को चिंतित कर दिया था. बरसात कम देखते हुए नगरपालिका द्वारा अगस्त में ही बंधान बांधना शुरू कर दिया था. शहर के नाले पर बने स्टाप डेम के अलावा सीवन नदी के गेटों में भी शटर लगाने का काम कर दिया गया था. इसी तरह काहिरी बंधान पर भी शटर लग रही थी कि तेज बारिश ने इस काम को रोक दिया. उसके बाद से बादलों ने बरसने की जो रफ्तार पकड़ी कि पार्वती का पानी स्टापडेम से छलकता हुआ बह रहा है. बादलों के लगातार सक्रिय रहने से सीवन का जलस्तर भी बढ़ा हुआ है. चद्दरपुल से झरने की शक्ल में पानी गिर रहा है तो ऐसे ही झरने जैसे हालात ईलाही माता व कर्बला पर देखे जा रहे हैं.
अब लबालब होने के आसार कम
बादलों के कम बरसने का क्रम लगातार बना रहने और मानसून की विदाई बेला नजदीक आने से कयास लगना शुरू हो गया है कि अब मूसलाधार बारिश नहीं हो सकेगी और जलाशय पूरी तरह नहीं भरा सकेंगे. शहर की प्यास बुझाने का दायित्व निभाने वाले जमोनिया और भगवानपुरा तालाब में पानी के लिए काफी कसर बची है. नपा की जलशाखा के प्रभारी इंजीनियर एनसी राठौर ने बताया जमोनिया तालाब के लबालब होने की क्षमता 27.5 फीट है, जबकि वर्तमान में जमोनिया तालाब में 21.4 इंच पानी ही संग्रहित हो सका है. इसी तरह भगवानपुरा तालाब की क्षमता 23.5 फीट है. इसमें भी अब तक 20 फीट पानी ही जमा हो पाया है और अब इसका जलस्तर बढऩे के आसार काफी कम रह गए हैं.
80 लाख लीटर पानी लेते प्रतिदिन
शहर की प्यास बुझाने के लिए नपा द्वारा पार्वती नदी के अलावा जमोनिया तालाब से 30 लाख लीटर पानी प्रतिदिन लिया जाता है, जबकि भगवानपुरा तालाब से 20 लाख लीटर पानी लिया जाता है. जिम्मेदारों की मानें तो तालाबों में कम पानी होने के बाद भी आगामी गर्मी के मौसम में जलसंकट जैसे हालात निर्मित नहीं हो सकेंगे.
आज भी खामोश रहे बादल
जिला मुख्यालय पर आज भी बादलों ने चुप्पी साध रखी थी. अब तक जिले में 920 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गइ है. जिले में बीते 24 घंटे में प्रात: 08 बजे तक 2.6 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई. आष्टा में 10, जावर में 3, इछावर में 1 और नसरूल्लागंज में 7, मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है, जबकि सीहोर, श्यामपुर, बुधनी और रेहटी में पानी नहीं बरसा.