हाईकोर्ट ने मांगा केन्द्र सरकार से जवाब
जबलपुर: शराब को आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में रखे जाने को हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर चुनौती दी गयी है। इसके अलावा आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में रखे जाने के बावजूद भी बिना रजिस्ट्रेशन व लायसेन्स शराब की बिक्री को भी चुनौती की गयी है। चीफ जस्टिस मोह. रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने दोनों याचिकाओं की संयुक्त रूप से सुनवाई करते हुए केन्द्र सरकार को जवाब पेश करने के निर्देश जारी किये है।
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के पीजी नाजपांडे की ओर से दायर की गयी याचिका में कहा गया है कि खाद्य सुरक्षा व मानक अधिनियम की धारा- जे में शराब को खाद्य वस्तु की श्रेणी में रखा गया है। खाद्य वस्तु की श्रेणी में रखे जाने के बावजूद भी बिना लायसेंस व रजिस्टे्रशन से शराब की ब्रिकी प्रदेश में बदस्तूर जारी है। याचिका में मांग की गयी थी कि शराब ब्रिकी के लिए लायसेंस व रजिस्ट्रेशन अनिर्वाय किया जाये। इसके अलावा एक अन्य याचिका में शराब को खाद्य वस्तुओं की श्रेणी में रखे जाने को चुनौती
दी गयी थी। युगलपीठ ने याचिकाओं की सुनवाई संयुक्त रूप से करते हुए उक्त आदेश जारी किये। याचिका पर अगली सुनवाई 8 अक्टूबर को निर्धारित की गयी है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय व राहुल दिवाकर ने पैरवी की।