सदर जामा मस्जिद का मामला, याचिका निराकृत
जबलपुर: सदर स्थित जामा मस्जिद में नमाज को लेकर दो पक्षों में हुए तकरार को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। याचिका की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस मोह. रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ को बताया गया कि दोनों पक्षों में सुलह हो गयी है। युगलपीठ ने याचिका का उद्देश्य पूर्ण होने पर उसका निराकरण कर दिया।
यह मामला याचिकाकर्ता नईम खान की ओर से साल 2013 में दायर किया गया था। जिसमें कहा गया था कि सदर स्थित जामा मस्जिद में नमाज को लेकर दो पक्षों में टकराव की स्थिति बनी थी। एक पक्ष द्वारा दूसरे पक्ष को नमाज अदा करने से रोका जाता है, जो संविधान में के अनुच्छेद 25 में निहित मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। याचिका की सुनवाई के दौरान पेश किये गये जवाब में बताया गया था कि याचिकाकर्ता व अनावेदक इंतजामिया कमेटी,जामा मस्जिद के बीच सौहार्दपूर्ण ढंग से विवाद सुलझा लिया गया है।
शांति व्यवस्था बनाये रखने के उद्देश्य से दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 107 और 116 (3) के तहत दोनों पक्षों के कई लोगों के खिलाफ कार्यवाही की गयी है। युगलपीठ ने उक्त आदेश के साथ याचिका का निराकरण कर दिया।