हाईकोर्ट में सरकार की ओर से पेश किया गया जवाब
जबलपुर: प्रदेश में नकली दवाओं की बिक्री पर कार्यवाही नहीं किये जाने को हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी थी। पूर्व में पारित आदेश का पालन करते हुए सरकार की ओर से पेश की गयी रिपोर्ट में बताया गया कि प्रदेश में ड्रग इस्पेक्टर के कुल 93 पद है, जिसमें से 44 पद रिक्त है। चीफ जस्टिस मोह. रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने रिक्त पदों में नियुक्ति के संबंध में सरकार को दो सप्ताह में जानकारी पेश करने के निर्देश दिये है।
उल्लेखनीय है कि यह जनहित का मामला अधिवक्ता नित्यानंद मिश्रा की ओर से वर्ष 2010 में दायर किया गया था। जिसमें ड्रग इस्पेक्टर के रिक्त पदों को चुनौती दी गयी थी। याचिकाकर्ता की ओर से हाईकोर्ट में रिज्वाइंडर पेश कर बताया गया था कि साल 2006-07 में नकली दवा बेचने का प्रकरण दर्ज किया गया था। इसके बाद साल 2020 तक कोई प्रकरण दर्ज नहीं किया गया। इस दौरान किसी प्रकार की छापेमार कार्यवाही तक नहीं की गयी। रिज्वाइंडर के साथ इस संबंध में आरटीआई के तहत प्राप्त जानकारी के दस्तावेज भी प्रस्तुत किये गये थे।
याचिका में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के सचिव, आयुक्त स्वास्थ्य विभाग तथा कंट्रोलर फूड एण्ड ड्रग विभाग को अनावेदक बनाया गया था। पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान न्यायालय ने सरकार को साल 2016 से 2020 तक नकली दवाओं के संबंध में दर्ज प्रकरण तथा ड्रग इंस्पेक्टर के रिक्त पदों की जानकारी प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किये थे। याचिका पर शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से उक्त जानकारी पेश की गयी। पेश रिपोर्ट में बताया गया कि रिक्त 44 पदों में से 22 पदों में भर्ती की अनुमति प्राप्त हो गयी है।