देवी अहिल्या बाई होल्कर अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट में यात्रियों की सुविधाओं और भविष्य की आवश्यकता

इन्दौर, 30 जुलाई (वार्ता) मध्यप्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने देवी अहिल्याबाई होल्कर अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट इन्दौर में सुविधाओं के विस्तार के लिये केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखा है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार श्री सिलावट ने बताया कि देवी अहिल्या बाई होल्कर अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट में यात्रियों की सुविधाओं और भविष्य की आवश्यकता की पूर्ति किया जाना आवश्यक है। उन्होंने अनुरोध किया है कि बोईंग बी-777 एवं बोईंग बी-747 आदि बड़े एयर क्राफ्ट के लिए चार हजार मीटर तक के रनवे की लम्बाई को विस्तारित किया जाना है। यह सुविधा इन्दौर एयरपोर्ट पर उपलब्ध होने से इन्दौर में विदेशी यात्रियों का आवागमन/संचालन किया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि इन्दौर मध्यप्रदेश का पहला अधिसूचित विमान तल है, जिसके भविष्य के विकास के लिए यह कार्य किये जाने आवश्यक है। एयरस्ट्रिप को चार हजार मीटर तक बढ़ाने के लिए भूमि आवंटन/अधिग्रहण की कार्यवाही प्रशासन द्वारा शुरू कर दी गयी है।
जल संसाधन मंत्री ने कहा कि नवीन टर्मिनल भवन, कन्ट्रोल टॉवर एवं नवीन फायर स्टेशन का निर्माण किया जाना है। नवीन टर्मिनल भवन, वर्तमान कार्यरत टर्मिनल भवन से लगकर पार्किंग स्थल पर जल्दी बनाया जाना आवश्यक है क्योंकि वर्तमान टर्मिनल भवन वर्ष में 40 लाख यात्रियों की क्षमता का है। इस कार्य हेतु इंदौर में 32 लाख यात्री का ट्रैफिक एक वर्ष में हो चुका है। इस हेतु पास की 20.48 एकड़ भूमि राज्य शासन द्वारा आवंटित की जा चुकी है।
श्री सिलावट ने मेट्रो स्टेशन के साथ 20.48 एकड़ भूमि के विकास में मल्टीलेवल कार पार्किंग एवं दो प्रवेश एवं दो निकासी द्वार के निर्माण को आवश्यक बताया है। पुराने टर्मिनल भवन में एक व्हीआईपी टर्मिनल बनाने का अनुरोध राज्य शासन की ओर से एयरपोर्ट अथॉरिटी में लम्बित है। इससे इंदौर एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री एवं अन्य व्हीआईपी के आने-जाने की व्यवस्था मुख्य टर्मिनल से पृथक से सुव्यवस्थित हो सकेगी। इसी पुराने टर्मिनल के आधे भाग पर कार्गो टर्मिनल को बढ़ाये जाने पर भी कार्य किया जाना है।

एयरपोर्ट से 25 किलोमीटर दूर धार रोड पर राज्य औद्योगिक विकास निगम ने लगभग 150 एकड़ भूमि अंतर्राष्ट्रीय लॉजिस्टिक हब के लिए रिजर्व की है, जहाँ ये विकसित होना है। इसके विकास के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय भारत सरकार से आवश्यक सहयोग लिया जाना है। पीथमपुर के पास होने से अगर ये विकसित होता है तो एयर कार्गों के माध्यम से मालवा क्षेत्र में उत्पादों की मार्केटिंग में नया आयाम स्थापित होगा।
मंत्री श्री सिलावट ने कहा है कि इन्दौर एयरपोर्ट में एयर कार्गो टर्मिनल प्रारंभ हो चुका है, किन्तु एयरकार्गो फ्लाइट्स न होने से लाभ प्राप्त नहीं हो पा रहा है। जल्द से जल्द एयर कार्गो फ्लाइट्स प्रारंभ किये जाने की जरूरत है। दुबई की अंतर्राष्ट्रीय फ्लाइट भी जल्दी पुनः प्रारंभ करनी है जो पिछले वर्ष कोविड के कारण बंद कर दी गयी थी। यह फ्लाइट शुरू करने की मांग इन्दौरवासियों द्वारा की जा रही है।
श्री सिलावट ने पत्र में लिखा है कि इंदौर शहर के आसपास 50-60 किलोमीटर की परिधि में एक नया अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट एवं कार्गो सेंटर विकसित करने की प्रक्रिया प्रारंभ करना जरूरी है। इस एयरपोर्ट में एक से अधिक एयरस्ट्रिप रहेंगी ताकि हर प्रकार के अंतर्राष्ट्रीय प्लेन वहाँ लैंड हो सकें।
श्री सिलावट ने कहा है कि जब स्व. माधवराव सिंधिया नागरिक उड्डयन एवं विमानन मंत्री थे, तब उन्होंने देश के 11 मॉडल एयरपोर्ट को विकसित करने का निर्णय लिया था, जिसमें मध्यप्रदेश का एकमात्र इन्दौर एयरपोर्ट भी सम्मिलित था। उनके इस सपने को साकार करने के लिए देश के मॉडल एयरपोर्ट में सम्मिलित करने के लिए इन्दौर को उपरोक्त सुविधाएँ दी जाना स्मरणीय होगा।
जल संसाधन मंत्री ने केंद्रीय मंत्री श्री सिंधिया से उपरोक्तानुसार इन्दौर को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में विकसित किये जाने और यात्रियों की सुविधाओं के लिए सुविधाएँ स्वीकृत किये जाने का अनुरोध किया है।

नव भारत न्यूज

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