नयी दिल्ली (वार्ता) केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में पहली बार भारत ने अपनी सीमाओं की सुरक्षा, सम्मान तथा सार्वभौमत्व का गौरव स्थापित करते हुए पहली बार सर्जिकल स्ट्राइक करके दुनिया को बताया था कि भारत की सीमाओं से छेड़खानी करना इतना सरल नहीं है।
श्री शाह ने गुरूवार को गोवा के धारबांदोडा में राष्ट्रीय फ़ॉरेन्सिक साइंस यूनिवर्सिटी के तीसरे परिसर की आधारशिला रखने के मौके पर यह बात कही। इस अवसर पर गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, केन्द्रीय मंत्री श्रीपद नाइक और केन्द्रीय गृह सचिव सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने अपने संबोधन में गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व रक्षा मंत्री श्री पर्रिकर को याद करते हुए कहा कि उन्होंने गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश को बदलने की शुरूआत की। उन्होंने कहा कि श्री पर्रिकर ने श्री मोदी के नेतृत्व में रक्षा मंत्री के तौर पर दो बड़े काम किए जिनके लिए देश उन्हें हमेशा याद रखेगा। पहला सेनाओं को वन रैंक, वन पेंशन देना तथा दूसरा आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक करना। दूसरे काम के बारे में श्री शाह ने कहा , “ वर्षों से देश की सीमाओं को लांघकर आक्रांता आते थे और उग्रवाद फैलाते थे और नई दिल्ली से निवेदन के अलावा कुछ नहीं होता था। लेकिन जब कश्मीर के पुंछ में हमला हुआ और हमारे जवान शहीद हुए, तो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और रश्रा मंत्री श्री मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में पहली बार सर्जिकल स्ट्राइक करके भारत ने दुनिया को बता दिया कि भारत की सीमाओं से छेड़खानी करना इतना सरल नहीं है। मोदी जी और पर्रिकर जी के नेतृत्व में पहली बार भारत ने अपनी सीमाओं की सुरक्षा, सम्मान अपने सार्वभौमत्व का गौरव प्रस्थापित करने का काम करके एक युगांतकारी शुरूआत की। एक वो युग था जब बातों से बात होती थी और फिर एक युग आया कि जैसा सामने से सवाल आएगा, वैसा ही जवाब दिया जाएगा।”
श्री शाह ने कहा कि देश में राष्ट्रीय फ़ॉरेन्सिक साइंस यूनिवर्सिटी की कल्पना श्री मोदी ने ही की थी। इसका मक़सद दुर्दांत, आदतन और नए अपराधियों को कानून के कठघरे में खड़ा करना है। उन्होंने कहा कि अब इसके लिए मानव संसाधन की कमी को पूरा करने का लक्ष्य है जिसे पूरा किया जाना है।
उन्होंने कहा , “ हमारा लक्ष्य है कि 6 साल से ज्यादा सजा वाले सभी गुनाहों के अंदर फॉरेंसिक साइंस की विजिट कंपलसरी कर दी जाए । इसके लिये देश के 600 से ज्यादा जिलों के अंदर एक अच्छी टीम और जिला स्तर की एक फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री बनानी होगी तथा 30,000 से 40,000 फॉरेंसिक साइंटिस्ट चाहिए और शिक्षा ही इसका रास्ता है इसलिए फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की स्थापना का काम किया गया है। ”
गोवा मुक्ति संग्राम में अपने प्राणों का बलिदान देने वाले सिपाहियों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि गोवा के लोगों ने स्वतंत्रता के लिए कड़ा संघर्ष किया है और बलिदान दिया है। गोवा में पर्यटन के महत्व का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि 15 अक्टूबर से विश्व भर की चार्टर फ्लाइट के पर्यटक गोवा आ सकते हैं।