नयी दिल्ली,12 नवंबर(वार्ता) केंद्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा है कि ग्रामीण भारत में इस्पात की खपत में वृद्धि एक अच्छा संकेत है जो वित्त वर्ष 2019-20 में प्रति व्यक्ति 19 किलोग्राम के मुकाबले बढ़कर वर्ष 2020-21 में 21.5 किलोग्राम प्रति व्यक्ति हो गई लेकिन यह राष्ट्रीय औसत से काफी नीचे है। श्री कुलस्ते ने इस्पात मंत्रालय के साथ मिलकर सीआईआई द्वारा आयोजित ग्लोबल स्टील समिट 2021 के उद्घाटन सत्र में कहा कि समाज के ग्रामीण क्षेत्र में इस्पात मात्रा को बढ़ाने और ग्रीन स्टील अथवा ‘लो कार्बन स्टील’ के विनिर्माण पर जोर दिए जाने से एक विनिर्माण केंद्र बन जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में इस्पात की खपत को बढ़ाने के लिए ग्रामीण लोगों को इस्पात के उपयोग, उसके जीवन चक्र की लागत आदि से भलीभांति अवगत कराया जाना चाहिए ताकि वे इस्पात का उपयोग करने के लिए आकर्षित हो सकें।
उन्होंने कहा कि सरकार एक दीर्घकालीन कार्ययोजना पर काम कर रही है और उसी के अनुरूप नीतियां तैयार की जा रही हैं। राष्ट्रीय इस्पात नीति 2017 के दृष्टिकोण के अनुसार 2030-31 तक भारत में इस्पात उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 30 करोड़ टन करने, प्रति व्यक्ति इस्पात की खपत को बढ़ाकर 160 किलोग्राम करने, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने सहित कई लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। इसके लिए पिछले दो वर्षों के दौरान इस्पात मंत्रालय ने रेल मंत्रालय, पेट्रोलियम मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय जैसे तमाम हितधारकों के साथ कई सेमिनार, सम्मेलन, वेबिनार आदि आयोजित किए हैं ताकि मांग की निरंतरता बरकरार रखते हुए उसे बढ़ाया जा सके। इस्पात के उत्पादन बढ़ोतरी और क्षमता विस्तार तभी होगा जब मांग बढ़ेगी। पर 25,000 करोड़ से अधिक का परिव्यय होगा।