महिला सहित तीन आरोपियों को अदालत ने सुनाया एक-एक साल का कारावास
ग्वालियर: 20 साल पहले फर्जी रूप से परीक्षा देते हुए पकड़ी गई महिला सहित तीन लोगों को अदालत ने दोषी पाते हुए एक-एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। तीनों आरोपियों पर अदालत ने दो-दो हजार रूपए का जुर्माना भी किया है।अतिरिक्त मुख्य न्यायिक महिस्ट्रेट महेन्द्र कुमार सैनी ने आरोपी अनिल कुमार यादव, अनिल कुमार चौधरी व श्रीमती सविता यादव को भादसं की धारा 471 के अपराध में दोषी पाते हुए यह सजा सुनाई है।
सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी अभिषेक सिरौठिया ने घटना के बारे मे बताया कि घटना दि 26 मार्च 2001 को फरियादी रविन्द्र नाथ श्रीवास्तव ने रिपोर्ट लेख कराई कि उसके पैनल द्वारा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जनकगंज ग्वालियर केन्द्र क्रमांक 14013 पर सुबह 10.43 बजे निरीक्षण किया गया व उसके द्वारा केन्द्राध्यक्ष एवं उक्त विद्यालय के प्राचार्य द्वारा परीक्षार्थियों के फोटो व हस्ताक्षर मिलान कराये इस संबंध मे सूचना प्राप्त हुई कि राजस्थान के कुछ छात्र मण्प्रण् के फर्जी मूलनिवासी बनाकर हाईस्कूल प्रमाण पत्र की परीक्षा 2001 दे रहे है।
अभिलेखों में मिलान करने पर कक्षा 8 कक्षा 9 की अंकसूचियों की विस्तृत जॉच की गई जिनमे तीन छात्र छात्राएं अनिल कुमार यादव ए अनिल कुमार चौधरी व श्रीमती सविता यादव के अभिलेख संदिग्ध पाये गये छात्रों से पूछताछ करने पर उन्होंने रूपेश शर्मा निवासी अलवर से फोर्म भरवाया जाना बताया तथा अनिल कुमार यादव 15000 रूपये अनिल कुमार चौधरी द्वारा 13500 रूपये व सविता यादव द्वारा 15000 रूपये रूपेश शर्मा को अलवर में दिया जाना बताया साथ ही छात्रों ने बताया कि रूपेश शर्मा ने तीनों छात्रों को प्रवेश पत्र देने व परीक्षा में 50 से 55 प्रतिशत अंक दिलाने की गारंटी दी तीनो छात्रों ने बताया था कि वह रूपेश शर्मा के साथ वर्ष 2001 में 30 व 40 लडकों व 3 लडकियों को लेकर जयंन्द्रगंज स्थित धर्मशाला मे रूका था साथ ही तीनो परीक्षार्थियों ने बताया कि उन्हेांने रिचा हाई स्कूल आमखों कम्पू कभी नहीं देखा विवेचना के दौरान तीनों आरोपीगण के विरूद्ध अपराध सिद्ध पाया गया।