नयी दिल्ली 17 फरवरी (वार्ता) ऑटोमोबाइल डीलरों के शीर्ष संगठन फेडरशेन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसियेशन (फाड़ा) ने केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण ने अगले वित्त वर्ष के आम बजट में दोपहिया वाहनों पर जीएसटी की दर को 28 प्रतिशत से कम कर 18 फीसदी करने की मांग की है।
संगठन ने इस संबंध में वित्त मंत्री को भेजे ज्ञापन में कहा कि दोपहिया वाहनों पर अन्य वाहनों की तरह अभी 28 प्रतिशत जीएसटी और दो प्रतिशत अधिभार है जिसे कम कर 18 प्रतिशत की श्रेणी किये जाने की जरूरत है क्योंकि अधिकांश दोपहिया वाहन लक्जरी श्रेणी में नहीं है और यह अब लोगों की जरूरत बन गये हैं।
संगठन ने अपने ज्ञापन में उन मुद्दों को उठाया है जिससे ऑटोमोबाइल उद्योग प्रभावित हो रहा है।उसने कहा कि स्टील और अन्य उत्पादों की मांग में हो रही बढोतरी के कारण हर तीन से चार महीने में वाहनों की कीमतों में भी बढोतरी करनी पड़ रही है जिसके कारण मांग पर असर पड़ रहा है।जीएसटी में कमी किये जाने से न:न सिर्फ मांग बढ़ाने में मदद मिलेगी बल्कि इससे इस उद्योग को भी गति मिलेगी।
फाड़ा का कहना है कि जीएसटी में कमी किये जाने से जब वाहनों की बिक्री बढ़ेगी तो उससे सरकार को कर राजस्व भी बढेगा।
संगठन ने इसके साथ ही पुराने वाहनों पर भी जीएसटी को कम कर पांच प्रतिशत करने की अपील की है।अभी इन वाहनों पर 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत जीएसटी है।4000 मिलीमीटर से छोटे वाहनों पर 12 प्रतिशत जीएसटी है।इससे बड़े वाहनों पर 18 प्रतिशत जीएसटी है।
फाड़ा ने कहा कि पुराने कारों का बाजार नये कारों के बाजार से 1.4 गुना बड़ा है।हर वर्ष 50 लाख से 55 लाख पुराने यात्री वाहनों की खरीद बेच की जाती है जो कुल मिलाकर 1.75 लाख करोड़ रुपये से अधिक का है।
इसमें पंजीकृत डीलरों की हिस्सेदारी 10-15 से प्रतिशत है और संगठित कारोबार ही कर चुकाता है।
उसने कहा कि जब डीलर किसी उपभोक्ता से पुरानी कार खरीदता है तो उस पर वह इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा नहीं कर सकता है और न:न ही कर ही चुकाया जाता है।ऐसी स्थिति में जीएसटी को कम करना ही सबसे बेहतर उपाय है।
इसलिए उसने सभी पुराने वाहनों पर जीएसटी को कम कर पांच प्रतिशत कर ही सरकार और कारोबारी के हित है।