सियासत
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह प्रदेश कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में सबसे अधिक लोकप्रिय नेता बने हुए हैं। अपने हिन्दुत्व विरोधी बयानों के कारण भले ही चुनाव अभियान के लिए उनकी उपयोगिता कम मानी जाती हो लेकिन कार्यकर्ताओं के दिलों पर वे राज करते हैं। प्रदेश कांग्रेस में इस समय कमलनाथ युग चल रहा है। इसके बावजूद दिग्विजय सिंह की स्थिति अपरिहार्य बनी हुई है। इसका कारण उनकी शैली और स्वभाव है। दिग्विजय सिंह का स्वभाव संगठन के अनुकूल है। इस कारण उनकी संगठन क्षमता प्रदेश कांग्रेस के किसी अन्य नेता के मुकाबले कहीं अधिक है। उनका स्वास्थ्य बहुत अच्छा है और वे खूब परिश्रम करते हैं। कार के जरिए रोजाना 400 किलोमीटर तक का सफर कर अलग-अलग स्थानों के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं से मिलकर उनकी समस्याओं को हल करना और उनके साथ हो रहे अन्याय का विरोध करना दिग्विजय सिंह जारी रखे हुए हैं। हाल ही में उन्होंने अपने समर्थक प्रेमचंद गुड्डू के आग्रह पर सांवेर क्षेत्र का दौरा किया और कथित रूप से पुलिस द्वारा प्रताड़ना झेल रहे कांग्रेस नेताओं का समर्थन किया और उन्हें सांत्वना दी।
दिग्विजय सिंह ने पूर्व कांग्रेसी और अब भाजपा सरकार में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट को भी बिकाऊ कह कर प्रताड़ित किया और उन्हें चेतावनी दी कि यदि उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस कार्रवाई बंद नहीं की तो आंदोलन किया जाएगा। खास बात यह रही कि प्रेमचंद गुड्डू के अलावा जीतू पटवारी भी दिग्विजय सिंह के साथ दिखे। जबकि पहले जीतू पटवारी दिग्विजय सिंह से थोड़ी दूरी बनाकर चल रहे थे। वैसे जीतू पटवारी को राजनीति का पहला पाठ महेश जोशी और दिग्विजय सिंह ने ही सिखाया था लेकिन बाद में वे सीधे राहुल गांधी से जुड़ गए। कमलनाथ के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद जीतू पटवारी ने कमलनाथ और दिग्विजय सिंह दोनों के बीच संतुलन बना के रखा। अब कमलनाथ जिस तरह से जीतू पटवारी की उपेक्षा कर रहे हैं उस कारण से श्री पटवारी आजकल फिर से दिग्विजय सिंह के नजदीक हो गए हैं। दिग्विजय सिंह की इंदौर यात्रा में इस बार विशाल पटेल और संजय शुक्ला भी पूरे जोर-शोर से नजर आए। संजय शुक्ला ने तो उनकी कार भी ड्राइव की। जाहिर है दिग्विजय सिंह मैदान में बने हुए हैं। इस कारण से कांग्रेसी भी उन्हें हाथों-हाथ ले रहे हैं। मैदान में बने रहना और कार्यकर्ताओं से लगातार संवाद करना दिग्विजय सिंह की शैली है इस कारण से प्रदेश की राजनीति में वे कभी भी अप्रासंगिक नहीं हुए।
सदाशिव यादव को हटाने की मुहिम
जिला कांग्रेस अध्यक्ष सदाशिव यादव को हटाने की मुहिम चल रही है। इस मुहिम का नेतृत्व देपालपुर के विधायक विशाल पटेल कर रहे हैं। वे अपने समर्थक बलराम पटेल को अध्यक्ष बनाना चाहते हैं। सदाशिव यादव दिग्विजय सिंह के समर्थक माने जाते हैं। उन्हें जिलाध्यक्ष बनाने में अंतर सिंह दरबार और जीतू पटवारी का हाथ रहा है। पहले जिले की कमान अंतर सिंह दरबार के पास थी लेकिन जब कमलनाथ ने घोषणा की कि जिन को चुनाव लड़ना है उन्हें संगठन के पद छोड़ना पड़ेंगे तो अंतर सिंह दरबार में जिला अध्यक्ष का पद छोड़कर सदाशिव यादव को थमा दिया।
सदाशिव यादव वैसे तो सक्रिय रहते हैं लेकिन कार्यकर्ताओं का आरोप है कि उनका पुलिस और प्रशासन पर वैसा प्रभाव नहीं है जैसा कि कांग्रेस के अन्य जिला अध्यक्षों का रहता है। पहले माना जा रहा था कि इस पद पर विशाल पटेल आना चाहते हैं लेकिन कमलनाथ ने स्पष्ट कर दिया कि किसी भी विधायक को संगठन का पद नहीं दिया जाएगा। इसके बाद विशाल पटेल ने खाती समाज के बलराम पटेल को आगे किया है। विशाल पटेल को संजय शुक्ला और सज्जन सिंह वर्मा का भी समर्थन है। दूसरी और जीतू पटवारी और अंतर सिंह दरबार की मदद से सदाशिव यादव भी अपना पद बचाने में लगे हुए हैं। देखना है भविष्य में किस को सफलता मिलती है।