पत्रकारिता के आड़ में कर रहा था कारोबार, निकला फर्जी पत्रकार
सिंगरौली : पत्रकारिता के आड़ में एक फर्जी पत्रकार ने इमारती लकड़ी चोरी का कारोबार कर रहा था कि माड़ा वन अमले के हत्थे चढ़ गया। माड़ा की वन टीम ने कुम्हिया तिराहे से हजारों कीमत की इमारती लकड़ी व कार वाहन जप्त कर राजसात की कार्रवाई आरंभ कर दी है।तत्संबंध में माड़ा वन परिक्षेत्राधिकारी शिल्पी जायसवाल ने बताया कि मुखबिरों के जरिये सूचना मिली की एक कार का संदिग्ध हालत में यहां आना जाना लगा रहता है। इसके लिए मुखबिरों को सक्रिय कर दिया गया।
जहां मुखबिरों के जरिये से सूचना मिली की कार वाहन क्र.यूपी 65 डीटी 5009 कुम्हिया चौराहा तरफ से आ रही है। परिक्षेत्राधिकारी ने वन स्टाफ के साथ दबिश देते हुए घेराबंदी कर कार वाहन को पकड़ा तो अंदर 9 की संख्या में करीब 19 घन मीटर सरई चिरान इमारती लकड़ी बरामद हुई। वन की टीम ने कार, लकड़ी व चालक निखिल जायसवाल निवासी मलगो को अपने कब्जे में लेते हुए वन परिक्षेत्र ले जाया गया। जहां आरोपी निखिल चालक के विरूद्ध भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26, 1 व म.प्र.वन उपज (व्यापार विनियमन) अधिनियम, 1969 की धारा 5, 15 के तहत मामला पंजीबद्ध कर राजसात की कार्रवाई की जा रही है।
कार में लिखा था प्रेस, निकला फर्जी
पत्रकारिता की आड़ में अवैध गतिविधियों में शामिल एक फर्जी मीडियाकर्मी का माड़ा वन अमले की टीम ने भण्डाफोड़ कर दिया है। परिक्षेत्राधिकारी ने नवभारत प्रतिनिधि को बताया कि कार के आगे नंबर प्लेट में प्रेस व पीछे के कांच में यूपी से प्रकाशित होने वाले एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र का भी नाम उल्लेख था। जब आरोपी चालक निखिल जायसवाल से पूछताछ की गयी तो वह नानुकूर करने लगा और कहा कि पहले प्रेस से जुड़ा था अब नहीं हूं। उधर पत्रकारिता क्षेत्र को बदनाम करने वाले ऐसे फर्जी लोगों के बारे में संबंधित संस्थान से चर्चा की गयी तो पता चला कि वह कभी इस समाचार पत्र का प्रतिनिधि नहीं था।