एसपी ने मासिक अपराधों का किया समीक्षा
सिंगरौली : जिले में कहीं भी रेत का अवैध उत्खनन, परिवहन की शिकायत मिली तो संबंधित थाना व चौकी इंचार्ज का निलंबन तय है। फिर किसी भी हालत में बच पाना मुश्किल है। उक्त बातें पुलिस अधीक्षक बीरेन्द्र कुमार सिंह ने आज सोमवार को मासिक अपराध की आयोजित समीक्षा बैठक कही। बैठक में एएसपी अनिल सोनकर, सीएसपी विन्ध्यनगर देवेश कुमार पाठक, एसडीओपी राजीव पाठक, प्रियंका पाण्डेय, उप पुलिस अधीक्षक, महिला अपराध, प्रभारी एसडीओपी देवसर तथा जिले के समस्त थाना एवं चौकी प्रभारीगण मौजूद थे।पुलिस अधीक्षक ने अपराध समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा चलाये जा रहे भू, राशन व रेत माफिया, मिलावट माफिया व अन्य के विरूद्ध कार्रवाई की समीक्षा की। समस्त प्रकार की लंबित शिकायतों एवं मुख्यत: सीएम हेल्पलाईन की लंबित शिकायतों की समीक्षा कर निराकरण के निर्देश दिये।
संपत्ति संबंधी अपराधों पर नियंत्रण रखने एवं रोकथाम के लिए राजपत्रित अधिकारी एवं थाना प्रभारी स्वयं रात्रि में प्रभावी गश्त किये जाने के लिए निर्देशित किया। साइबर अपराध, महिला अपराध, एससी, एसटी एक्ट के अपराधों एवं यातायात दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रत्येक थाने में हॉटस्पॉट को चिन्हित कर जन चेतना शिविर आयोजित करने के निर्देश दिये गये। जिले में निवासरत समस्त किरायेदारों, श्रमिकों, घरेलू नौकरों के सत्यापन की कार्रवाई शीघ्र पूर्ण कराये जाने एवं इस संबंध में व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करायें। साथ ही समस्त प्रकार के भादवि के सभी अपराध, महिला संबंधी अपराध एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति के अपराध, प्रतिबंधात्मक धाराओ के तहत कार्रवाई, लघु अधिनियम के तहत कार्रवाई की त्रि-वर्षीय तुलनात्मक समीक्षा की गई।
सम्पत्ति संबंधी अपराधो के बरामदगी एवं उसके निराकरण की समीक्षा, गुम बालक, बालिकाओं की दस्तयाबी की समीक्षा, लंबित प्रत्येक गंभीर अपराध की थानावार समीक्षा, संमंस, वारंट की तामीली, लंबित चालान की समीक्षा, लंबित मर्ग की समीक्षा की जाकर उनके निराकरण के निर्देशित किया गया। धारा 420 भादवि एवं धारा 363 भादवि अंतर्गत लंबित मामलों में पुलिस राजपत्रित अधिकारियों को गंभीरतापूर्वक तस्दीक कर उनके निराकरण कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया। पुलिस मुख्यालय, भोपाल द्वारा चलाये जा रहे विशेष अभियान के तहत अधिक से अधिक कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये। समंस, वारंट अदम दस्तयाब होने की स्थिति में थाना प्रभारी स्वयं समीक्षा करें। एससी, एसटी एक्ट अंतर्गत राहत प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के लिए निर्देशित किया।