पन्ना :सरकार लच्छेदार भाषणों में ढिढोरा पीट रही है कि गांव गांव उप स्वास्थ्य केंद्र खोलकर लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं जो सिर्फ कागजों में हैं वास्तव में नहीं। जब जिला चिकित्सालय में स्वीकृत से आधा डॉक्टर एव पैरामेडिकल का स्टॉप नहीं है तो ग्रामीण क्षेत्रों की कल्पना ही करना बेकार है। सरकार ने लाखों करोडों रूपये खर्च कर गांव गांव उप स्वास्थ्य केंद्र खोल रही है लेकिन स्टॉफ के अभाव में ताला लटक रहे हैं बिल्डिगें जर्जर हो रही है इसी प्रकार ग्राम जमुनहाई में लगभग 6 साल पूर्व उप स्वास्थ्य केंद्र कई लाख की लागत से बनाया गया लेकिन भवन शोपीस साबित हो रहा है।
स्टॉफ के अभाव में कभी नहीं खुलता और वहां शराब खोरी का सुरक्षित ठिकाना बन गया है। भीषण गर्मी के संकट से जूझ रहे हैं लोग शादी ब्याह का सीजन चल रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में जो जनता के लिए स्वास्थ्य केंद्र खोले गए ताकि अगर कोई बीमार पड़ जाए तो उसे एक अच्छा इलाज गांव के अस्पताल में ही मिल सके ऐसी सरकार की स्वास्थ्य को लेकर ना जाने कितने प्रकार की योजनाएं चल रही हैं जिनका लोग लाभ उठा रहे हैं अपना इलाज करवा रहे हैं। पन्ना जिले की जमुना हाई ग्राम पंचायत में स्वास्थ्य केंद्र तो बना हुआ है पर उस पर ताला लगा हुआ है आगे और पीछे दोनों तरफ लोग कर रहे गंदगी बाहर शराब की बोतलें बयां कर रही कि यहां पर लोग बैठकर शराब भी पीते होंगे इस तरीके की भीषण गर्मी के मौसम में जहां एक तरफ लोग उल्टी-दस्त से बीमार पड़ रहे हैं.
मलेरिया भी मच्छरों के कारण लोगों को हो रहा है। कोई भी कर्मचारी वहां पर मौजूद नहीं रहता। वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि अस्पताल को बने लगभग पांच 6 साल हो गए यहां पर कोई भी डॉक्टर नहीं आता ना ही दवा मिलती है हम लोग अपना प्राइवेट इलाज झोलाछाप डॉक्टरों से करवाते हैं और उनको दवा का पैसा देते हैं बोतल लगाने का पैसा देते हैं इंजेक्शन लगाने का पैसा देते हैं अभी शादी का सीजन चल रहा है लोगों को उल्टी दस्त हो रहे हैं और अस्पताल बंद पड़ा है इलाज करवाने पन्ना जाना पड़ता है नहीं तो फिर गांव के ही झोलाछाप डॉक्टर इलाज करते हैं और मनमाना पैसा वसूल करते हैं और फिर अगर आराम नहीं लगा तो हम लोगों को पन्ना जाना पड़ता।