राज्यसभा चुनाव के लिए अधिसूचना 24 मई तक जारी हो जाएगी। मध्य प्रदेश से 3 राज्य सभा की सीटें रिक्त होंगी। भाजपा की ओर से पूर्व मंत्री एमजे अकबर और संपतिया उइके रिटायर्ड होंगी। जबकि कांग्रेस की ओर से विवेक तंखा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। इन सीटों पर कांग्रेस और भाजपा की ओर से जिन नामों पर विचार हो रहा है उनमें मालवा निमाड़ के नेता भी हैं। भाजपा की बात करें तो यहां से कैलाश विजयवर्गीय और कविता पाटीदार के नामों की चर्चा है। कैलाश विजयवर्गीय राष्ट्रीय महासचिव हैं और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दाहिने हाथ माने जाते हैं। वैसे तो कैलाश विजयवर्गीय का कद इतना है कि उन्हें राज्यसभा में जाने की आवश्यकता नहीं है लेकिन फिर भी पार्टी ने यदि कहा तो वे उच्च सदन की सदस्यता ले सकते हैं।
हालांकि कैलाश जी ने बार-बार कहा है कि वे राज्यसभा की बजाए चुनाव लड़ कर लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर में जाना पसंद करेंगे। कैलाश जी यह भी कह चुके हैं कि उनके बारे में फैसला वे खुद नहीं बल्कि पार्टी तय करती है। कविता पाटीदार भाजपा की प्रदेश महासचिव हैं। वे अभी 40 वर्ष की हैं और तेजतर्रार नेता माने जाती हैं। ओबीसी वर्ग में आने वाला पाटीदार समाज मालवा निमाड़ में खासा दबदबा रखता है यही वजह है कि कविता पाटीदार का नाम राज्यसभा के लिए चल रहा है। उन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कट्टर समर्थक माना जाता है। कांग्रेस की ओर से राज्यसभा के लिए अरुण यादव का नाम लंबे समय से चल रहा है लेकिन इसमें अब राजपुर के विधायक बाला बच्चन का नाम भी जुड़ गया है।
बाला बच्चन का नाम कैसे चर्चा में आया इसको लेकर जिज्ञासा है लेकिन माना जा रहा है कि कमलनाथ आदिवासी वोट बैंक को मजबूत करने के लिए बाला बच्चन पर दांव लगा सकते हैं। बाला बच्चन कमलनाथ के कट्टर समर्थक हैं और चार बार विधानसभा का चुनाव जीते हैं। कमलनाथ सरकार में वे गृह मंत्री थे। जबकि एक बार वे विधानसभा में विपक्ष के उप नेता भी रह चुके हैं। अरुण यादव को भी ओबीसी वर्ग को प्रतिनिधित्व देने के नाम पर मौका मिल सकता है। हालांकि अधिकांश कांग्रेसी मानते हैं कि सोनिया गांधी विवेक तंखा को फिर से राज्यसभा में भेजने का मन बना चुकी है। कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों की सीटों का फैसला दिल्ली में ही होगा। इस संबंध में अगले सप्ताह दिल्ली में बैठक हो सकती है।