कुरवाई क्षेत्र में किसी को 500 तो किसी को 1 हजार की आर्थिक सहायता
ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही आर्थिक मदद
प्रभावितों ने इस मामले की क्षेत्र के सांसद से की शिकायत
कुरवाई नवभारत न्यूज,-हाल ही में कुरवाई क्षेत्र में बाढ़ के कारण अनेक परिवार बुरी तरह से प्रभावित हुये. कई लोगों के मकान धराशायी हो गये तो कई लोगों का पूरा सामान नष्ट हो गया. कई परिवार अभी भी राहत शिविरों में रह रहे हैं. लेकिन शासन-प्रशासन की ओर से उन्हें जो तात्कालिक मुआवजा राशि प्रदान की गयी है. वह ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है. किसी बाढ़ प्रभावित को 1 हजार तो किसी को 500 रूपये की आर्थिक सहायता मुहैया करायी गयी है,जिससे बाढ़ प्रभावितों में आक्रोश पनप रहा है.
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में गरीबों का आरोप है कि उनके मकान ढ़ह जाने, फसलों, और अनाज के नुकसान का आंकलन भी पटवारियों के द्वारा पूरा नहीं किया जा सका है. अनेक ग्रामों के ग्रामवासी तहसील परिसर पहुंच कर राजस्व अधिकारियों को आवेदन दे रहे हैं. बाढ़ में उनके मकानों, फसलों व अनाज के नुकसान की भरपाई के नाम पर उनके खाते में मात्र एक एक हजार रूपया डाले गए हैं. जबकि कुछ लोगों को कम नुकसान होने पर भी अधिक राशियां खाते में भेज दी गईं हैं. इस तरह का भेदभाव होने से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है. मामले की शिकायत क्षेत्र के सांसद राजबहादुरसिंह को भेजे गए शिकायती पत्र में भी की गई है.
इन प्रभावितों ने की शिकायत
शिकायतकर्ता ग्राम पिथौली के ग्रामीण कल्लूसिंह राजपूत, लच्छूराम अहिरवार, विनोद अहिरवार, दिनेश अहिरवार, समरथ, महेश, वीरसिंह ने अपने शिकायती आवेदन बताते हुए कहा कि उनकी सुनने वाला कोई नहीं है. जिला मुख्यालय से लेकर कुरवाई के अधिकारियों की चौखट पर कई चक्कर लगाने के बाद भी उनके ग्राम में हुई नुकसान के सर्वे की गड़बड़ी की जांच नहीं हो रही है. इसी तरह की शिकायतें ग्राम करईबेरखेड़ी, ग्राम दादूरार, नेहपिपरिया, मदउखेड़ी, सिरावदा, माला, के ग्रामीणों के द्वारा की गई है. जो वास्तविक पीडि़त लोग हैं. उनके मकानों के सर्वे नहीं किए गए हैं. जिनकी मौके की जांच पुन: करवाई जाये तथा राजस्व विभाग के पटवारियों के द्वारा गरीबों के साथ किए गए अन्याय पर कड़ी कार्यवाही की जाये. ग्राम पिथौली तहसील कुरवाई के किसान निरंजनसिंह पुत्र निहालसिंह राजपूत का कच्चा मकान 40 फीट लम्बा 20 फीट चौड़ा पूरी तरह गिर गया था. सिंचाई के 30 पाइप बाढ़ के पानी में बह गए हैं. पटवारी ने जांच करके केवल एक हजार राहत राशि भेजी गई है. ग्राम पिथौली के ही वीरेन्द्रसिंह पुत्र निहालसिंह राजपूत का कच्चा मकान 60 फीट लम्बे 15 फिट चौड़ा पूरा बाढ का पानी भरने से गिर गया है. इनके भी 40 सिंचाई के पाइप बह गए, खाद डीएपी 20 बोरी खराब हो गया है. पटवारी ने एक हजार खाते में भेजे हैं. ग्राम पिथौली के कल्लूसिंह पुत्र निहालसिंह जाति राजपूत, का 60 फीट लम्बा, दहलान, 30 फीट चौड़ा पूरा बाढ़ का पानी भरने से गिर गया. मकान में भूसा भरा हुआ था. मकान व भूसा पाईप सिंचाई के बह गए. पटवारी ने एक हजार डाले हैं. महेश पुत्र परसूराम जाति अहिरवार का घर में रखा अनाज पूरा खराब हो गया. 40 बोरा पिसी 10 बोरा चना खराब हो गया 8 बोरा मसूर, मकान भी बाढ़ भरने से खराब हो गया. डबल मंजिल मकान पूरा गिर गया है. पटवारी ने राशि डाली कुल पांच हजार रूपया, दिनेश पुत्र लच्छू अहिरवार का घर पूरा पूरा गिर गया. बाखर 100 फीट लम्बी गिर गई, नाज, कपडे सब नष्ट हो गया, बच्चे स्कूल में रह रहे हैं. दिनेश के नाम पर 5000 मिले हैं. समरथ पुत्र बुद्धूराम काछी कुशवाह निवासी पिथौली का पूरा मकान गिर गया. सामान दब गया. पूरा मकान अनाज नष्ट हो गया. बेघर होकर स्कूल में रह रहे हैं. राशि मिली कुल 10 हजार, लच्छू पुत्र घसीटा अहिरवार का पूरा मकान, अनाज नष्ट हो गया, घर के बाहर स्कूल में रह रहा है. इसका नाम सर्वे में था, लेकिंन पटवारी ने कोई पैसा खाते में नहीं डाला है. ग्राम के विनोद पुत्र परसूराम अहिरवार का भी पूरा मकान गिर गया. दस हजार मिले हैं, जबकि नुकसान 50 हजार का हुआ है. ग्राम के दिनेश अहिरवार, समरथ काछी, महेश अहिरवार सहित बेेघर हुए लोगों ने मांग की है कि उन्हें प्रधानमंत्री आवास कुटी मंजूर करवाई जाये. ताकि इनको फिलहाल रहने के लिए मकान बन सकें. यह लोग पूरी तरह बेघर होकर सड़क पर रहने के लिए मजबूर हैं.
एक पखबाड़े से चल रही पटवारियों की हड़ताल से काम काज ठप
राजस्व विभाग की रीड की हड्डी समझे जाने वाले पटवारी पिछले एक पखबाड़े से हड़ताल पर हैं. कलम बंद हड़ताल के बाद अब वह तहसील परिसर में बाकायदा धरना देकर नारे लगा रहे हैं. स्थानीय तहसीलदार भी उनके समर्थन में उतर आये हैं.तहसीलदार हेमन्त शर्मा का कहना है कि पटवारी उनके अधीन कर्मचारी हैं और उनको संरक्षण देना उनका कत्र्तव्य है. इधर क्षेत्र की जनता अपने रोजमर्रा के कामकाज के लिए तहसील के चक्कर लगा रही है. राजस्व न्यायालय के कामकाज भी बिना पटवारियों की रिपोर्ट के आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं. पटवारी संघ के अध्यक्ष विनय विश्नोई, जिला प्रवक्ता सुनील सूर्यवंशी सहित पटवारी बड़ी संख्या में तहसील परिसर में धरना पर बैठै हैं. इधर क्षेत्र के ग्रामीण किसान अपने रोजमर्रा के काम के लिए पटवारियों के आसपास भटक रहे हैं, किंतु पटवारी उनकी कोई मदद नहीं कर पा रहे हैं.