मानसूनी बरसात ने बढ़ाया मध्यप्रदेश के झीलों और जलाशयों का जलस्तर

भोपाल, 25 जुलाई (वार्ता) मध्यप्रदेश में मानसून की लगातार बारिश होने से नदियों के साथ-साथ जलाशयों के जलस्तर बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी है।
बाढ़ आपदा नियंत्रण कक्ष के रिपोर्ट के अनुसार भोपाल के कालियासोत, खंडवा के इंदिरा सागर, खरगोन के ओम्कारेश्वर सहित पार्वती, बेतवा, नर्मदा, केन नदी के अलावा कोलार डेम, केरवा डेम, गांधी सागर डेम, रेतन बैराज, तवा डेम, बाणसुजारा सहित अन्य नदियों और डेमों के जल स्तर में भारी वृद्धि दर्ज की गयी है।
पश्चिमी मध्यप्रदेश में अनुमान से करीब 46 प्रतिशत अधिक बारिश होने के कारण नदियों के जलस्तर बढ़ा हुआ है। प्रदेश के 15 से अधिक डेम में 70-90 प्रतिशत तक जल भराव हो चुका है। इस बार हो रही भारी बारिश के चलते प्रदेश के अधिकतर डेमों के गेट जुलाई के दूसरे सप्ताह से ही खोलना पड़ रहा है।
इसी क्रम में अपर मुख्य सचिव एस एन मिश्रा और ईएनसी मदन सिंह डाबर ने राजधानी भोपाल स्थित कलियासोत डेम और केरवा डेम का निरीक्षण किया। इस दौरान विभाग के संबंधित अधिकारी भी मौजूद रहे। निरीक्षण के दौरान अपर मुख्य सचिव ने बताया कि भारी बारिश से पानी की आवक दिन-ब-दिन बढ़ रहा है। ऐसे में प्रदेश में स्थित अधिकतर डेमों के गेट खोले जा रहे हैं।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि डेम से पानी छोड़ने की स्थिति में डेम के समीप रहने वाले लोगों को पहले अलर्ट करना है, उसके बाद ही पानी छोड़ा जाए। ताकि किसी प्रकार की आपातकालीन स्थिति नहीं बनें। श्री मिश्रा ने बताया कि विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि जलग्रहण क्षेत्र में आवक के अनुसार ही पानी छोड़े ताकि स्थिति समान्य बनी रहे।
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जलग्रहण क्षेत्र और प्रदेश में हो रही बारिश के कारण नदियों के जलस्तर वृद्धि दर्ज की गई है। जल संसाधन विभाग के अनुसार जलाशयों में पहले से पानी होने और समय पर बारिश शुरू होने से किसानों को काफी फायदा होने वाला है। इस वर्ष किसानों को धान के खेती एवं रवी की सिंचाई के लिए डेम और अन्य जलाशयों में पर्याप्त पानी है। किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए किसी तरह की कठिनाईयों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
भारी बारिश के चलते बढ़ी पानी की आवक बढ़ जाने से वर्तमान में कालियासोत डेम में 91.20 प्रतिशत भराव हो चुका है। ऐसे में भोपाल में भदभदा, कालियासोत, केरवा, डेम के गेट खोले गए हैं। खरगोन स्थित ओम्कारेश्वर बांध के 18 गेट खोले गए हैं। राजघाट बांध के 8 गेट खोले गए हैं। खंडवा के इंदिरा सागर बांध के 12 गेट खोलने पड़े हैं। इसके अलावा प्रदेश के करीब डेढ़ दर्जन बांध के गेट खोलने के स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिसको देखते हुए जल संसाधन विभाग के पदाधिकारी लगातार निरीक्षण कर संबंधित अधिकारिओं और विभाग के मंत्री को रिपोर्ट भेज रहे हैं। विभाग के बड़े अधिकारी भी बांधो के स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
प्रदेश में भारी बारिश होने से जहां एक तरह परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर खरगोन स्थित ओम्कारेश्वर बांध और खंडवा स्थित इंदिरा सागर बांध से क्षमता अनुसार बिजली उत्पादन भी रही है। जलाशयों में पानी होने से पहले के अपेक्षा बिजली उत्पाद भी बढ़ गया है।

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