8 मौतों का जिम्मेदार डॉक्टर गया जेल

हाईलेबल जांच कमेटी तय, संदेह के दायरे में आए अधिकारियों की भूमिका का पता लगाने में जुटी

जबलपुर: न्यू लाइफ मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल में गुनहगारों की लापरवाही से भडक़ी आग में आठ लोगों की जिंदगी मौत के आगोश में समा चुके है। उनके स्वजनों की पीड़ा अब तक आंसू बनकर झर रही है और लोग उन हालातों को लेकर अब तक गुनहगारों को कोस रहे हैं। पुलिस ने एक और गुनहगार डॉ. संतोष सोनी 36 वर्षीय निवासी महाराजपुर को उमरिया से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। जबकि अब भी अस्पताल डॉयरेक्टर निशिंत गुप्ता, सुरेश पटैल, संजय पटैल फरार चल रहे है।

जिनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। वहीं राज्य शासन की ओर से बनाई गई हाईलेबल जांच कमेटी ने अपनी जांच तेज कर दी गई है। संभागीय आयुक्त बी चंद्रशेखर जांच कमेटी सदस्यों के साथ सभी बिन्दुओं पर बारीकी से जांच करने में जुटे हुए है। संभागीय आयुक्त का कहना है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। जांच के लिए जो बिन्दु तय किए गए है उसके आधार पर जांच चल रही है। जांच के बाद भी जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके अधार पर आगे की कार्रवाई होगी। संभागायुक्त ने यह भी संकेत दिए हैं कि जिन विभाग के अधिकारियों ने इस हास्पिटल को एनओसी जारी की उसमें प्रत्येक अधिकारी की भूमिका का पता लगाया जाएगा। जो लोग भी दोषी पाए जाएंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी।

क्लीनिक पर पथराव
मदनमहल थाना क्षेत्र में स्थित डॉ. सुरेश पटेल के होप हेल्थ क्लीनिक पर शाम में गुस्साएं लोगों ने पथराव कर दिया। पथराव उस वक्त हुआ जब क्लीनिक बंद था। मदनमहल थाना प्रभारी नीरज वर्मा के मुताबिक शाम पांच बजे पथराव की सूचना मिली थी लेकिन जब बल पहुंचा तो वहां कोई नहीं मिला। शटर पर दो से तीन पत्थर फेंके गए है। मामले को लेकर कोई शिकायत नहीं आई है अगर शिकायत आती है तो आगे की कार्रवाई होगी।

मिलीभगत से हुआ जबरदस्त फर्जीवाड़ा
न्यू लाइफ मल्टी स्पेशियलिटी हास्पिटल नगर निगम एवं स्वास्थ्य विभाग के संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से फल-फूल रहा था। अधिकारियों की सांठगांठ से जबरदस्त फर्जीवाड़ा हुआ। जैसे-जैसे जांच का दायरा बढ़ रहा है वैसे-वैसे चौंकाने वाले खुलासे हो रहे है। प्रारंभिक जांच में ही उजागर हो रही ढेरों खामियां यह बताती है कि जिम्मेदार अधिकारियों और अस्पताल संचालकों के बीच कितनी तगड़ी सेटिंग थी।
न्यू लाइफ मल्टी स्पेशियलिटी हास्पिटल में ब्लड बैंक न होने के बावजूद कमेटी ने इसकी मौजूदगी बता दी थी। इसके अलावा प्रोविजनल फायर एनओसी जारी करते समय नगर निगम का फर्जीवाड़ा सामने आया। वहीं शहर में 136 अस्पताल हैं, जिनमें से 28 के पास फायर-एनओसी नहीं है। इन अस्पतालों को पूर्व में नोटिस भी जारी किया जा चुका है, लेकिन अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई जिसको लेकर भी सवाल उठने लगे है।

चिंगारी दवाईयों तक पहुंची और भडक़ उठी आग
जिन बिन्दुओं पर जांच चल रही है उसमें आग कैसे लगी इसका भी पता लगाया जा रहा है। सूत्रों की माने तो अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि दिन मेें बिजली गुल होने के बाद जनरेट का चालू किया गया। जिसके बाद शॉर्ट सर्किट होने से जनरेटर में ब्लास्ट हो गया और इसके मेें से निकली चिंगारी पास ही रखी दवाईयों तक जा पहुंचे इसके बाद आग भडक़ उठी थी। जांच टीम ने समीप ही स्थित बैंक के प्रबंधन
को भी सीसीटीव्ही फुटेज देने के निर्देश दिए है ताकि आग के कारण का पता चल सके।
129 अस्पतालों की जांच शुरू
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने जबलपुर जिले में स्थित सभी 129 निजी नर्सिंग होम एवं अस्पतालों के निरीक्षण के लिये 43 चिकित्सा विशेषज्ञों एवं चिकित्सा अधिकारियों को तैनात किए गए। इन चिकित्सा विशेषज्ञों एवं चिकित्सा अधिकारियों को जिले के तीन-तीन निजी अस्पतालों एवं नर्सिग होम के निरीक्षण की जिम्मेदारी दी गई है। बुधवार से अस्पतालों का निरीक्षण और जांच शुरू कर दी गई है। नजी अस्पतालों के निरीक्षण के दौरान मध्यप्रदेश उपचर्या गृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापना अधिनियम 1973 व नियम 1997 में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार बिल्डिंग कम्पलीशन प्रमाण पत्र, नगर निगम से प्राप्त परमानेंट फायर एनओसी, मध्यप्रदेश प्रदुषण बोर्ड से प्राप्त एनओसी, दमकल वाहनों के निकलने की जगह, अस्पताल के भवन संबंधी समस्त दस्तावेज तथा अग्निशामन से संबंधित व्यवस्थाओं की जांच की जा रही है। दो दिन के भीतर यह कार्य पूरा करने के निर्देश दिये गये हैं।

कैंडल जलाकर दी श्रद्धांजलि
जबलपुर शहर कांग्रेस ने बुधवार की शाम वंदे मातरम चौक पर सिविक सेंटर में कैंडल जलाकर न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल की अग्नि दुर्घटना से दिवंगत हुए लोगों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान महापौर जगत बहादुर अन्नू, पूर्व कांग्रेस नगर अध्यक्ष दिनेश यादव, पूर्व सेवादल अध्यक्ष झल्ले लाल जैन, वरिष्ठ कांग्रेस नेता सतीश उपाध्याय, पार्षद अमरीश मिश्रा, हर्षित यादव राजेश सोनकर आदि उपस्थित रहे। कांग्रेस जनों ने श्रद्धांजलि के पश्चात बगलामुखी मंदिर में जाकर प्रार्थना की। इस प्रकार की घटना कभी ना घटे और ना ही ऐसी कभी परिस्थितियां बने।मरीजों की सुरक्षा से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा फायर एनओसी नहीं या पंजीयन की शर्तों में कमी मिली तो अस्पतालों का पंजीयन निरस्त होगा

कलेक्टर ने ली निजी अस्पतालों के संचालकों की बैठक
जबलपुर। कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में निजी अस्पतालों एवं नर्सिंग होम संचालकों से अपने संस्थानों में सुरक्षा के सभी इंतजामों को सुनिश्चित करने एवं नियमित अंतराल से फायर सेफ्टी ड्रिल आयोजित करने एवं फायर सेफ्टी आडिट कराने के निर्देश दिये गए है। बैठक में अस्पताल संचालकों से कहा गया कि वे फायर अलार्म सिस्टम को दुरुस्त रखें, अग्निशमन यंत्रों एवं इलेक्ट्रिकल मशीनरी के उपकरणों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें, अपने स्टॉफ को अग्निशमन यंत्रों के इस्तेमाल की एवं राहत एवं बचाव कार्य का अनिवार्यत: प्रशिक्षण भी दें। बैठक के प्रारम्भ में न्यू लाईफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में हुई अग्निदुर्घटना में मृत व्यक्तियों को दो मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि दी गई। कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी ने बैठक में कहा कि न्यू लाईफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल जैसी घटनाएं दुबारा न हो इसके लिये प्रशासन पूरी तरह सजग है। उन्होंने कहा कि मरीजों की सुरक्षा से किसी भी तरह का समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा। निजी अस्पतालों को पंजीयन व पंजीयन के नवीनीकरण के लिये सभी औपचारिकताओं एवं मापदंडों को पूरा करना होगा। ऐसे जो अस्पताल औपचारिकतायें पूरी नहीं करेंगे उनका पंजीयन निरस्त कर दिया जायेगा।

निरीक्षण के साथ कमियों को दूर करें
कलेक्टर ने बैठक में ट्रेनिंग, ड्रिल एवं कैपेसिटी बिल्डिंग पर जोर देते हुये कहा कि अस्पताल संचालकों को अग्निशमन यंत्रों व इलेक्ट्रिकल मशीनरी की गुणवत्ता के साथ-साथ तय समय पर फायर सेफ्टी आडिट एवं इलेक्ट्रिकल सेफ्टी आडिट भी कराना होगा। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में नियमित अन्तराल पर न केवल फायर ड्रिल का आयोजन हो बल्कि इस दौरान पाई गई कमियों को दूर करने के उपाय भी किये जायें। यदि कमियों को दूर नहीं किया जाता है तो ऐसे अस्पतालों का पंजीयन निरस्त करने की कार्यवाही हो।
लापरवाही बरतने वाले

अस्पतालों की सदस्यता होगी समाप्त
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि मरीजों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाले निजी अस्पतालों के विरुद्ध प्रशासन अपनी ओर से सख्त कार्यवाही करेगा ही, लेकिन निजी नर्सिंग होम एसोसिएशन और आईएमए को भी ऐसे अस्पतालों पर कार्यवाही करनी चाहिये। उन्होंने कहा कि न्यू लाईफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में हुई दुर्घटना को देखते हुये नर्सिंग होम एसोसिएशन एवं आईएमए को ऐसे अस्पतालों की सदस्यता को समाप्त करने की कार्यवाही करनी होगी।

कई महत्वपूर्ण सुझाव पर हुई चर्चा
बैठक में अस्पताल संचालकों की ओर से न्यू लाईफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल जैसी दुर्घटना को रोकने प्रशासन को हर सम्भव सहयोग का आश्वासन दिया। अस्पताल संचालकों ने इस बारे में कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिये। बैठक में मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष डॉ जीतेन्द्र जामदार, नगर निगम आयुक्त आशीष वशिष्ठ, जिला पंचायत की सीईओ सलोनी सिडाना, अपर कलेक्टर शेर सिंह मीणा, सयुंक्त संचालक स्वास्थ्य डॉ संजय मिश्रा, डॉ राजेश धीरावाणी, सौरभ बड़ेरिया तथा सभी निजी अस्पतालों के संचालक एवं प्रबंधक मौजूद थे।

ऐसी घटनाएं दुबारा कहीं न हो,सख्ती बरतें, जरूरी कदम उठाए: संभागायुक्त

संभागायुक्त बी चंद्रशेखर ने सम्भाग के सभी जिला कलेक्टरों को अपने जिले में स्थित सभी निजी अस्पतालों की फायर एनओसी एवं पंजीयन के लिये आवश्यक सभी औपचारिकताओं की जाँच कराने के निर्देश दिये हैं। संभागायुक्त ने ये निर्देश बुधवार को विकास एवं निर्माण कार्यों की साप्ताहिक समीक्षा के लिये आयोजित वीडियो कांफ्रेंसिंग में दिये।संभागायुक्त ने व्हीसी में जबलपुर में एक निजी अस्पताल में हुई अग्निदुर्घटना का उल्लेख करते हुये कहा कि ऐसी दुर्घटनाएं कहीं और न हो इसके लिये सभी जरूरी कदम उठाये जाना तथा सख्ती बरतना आवश्यक है।

उन्होंने कलेक्टरों से कहा कि वे अपने जिले में पंजीकृत सभी निजी अस्पतालों की सुरक्षा एवं फायर एनओसी की जाँच के लिये सम्बंधित एसडीएम, स्वास्थ्य अधिकारी, स्थानीय निकाय के फायर सेफ्टी अधिकारी एवं विद्युत सुरक्षा विभाग अथवा विद्युत वितरण कम्पनी के अधिकारी की सयुंक्त टीम गठित करें और उसे तीन-चार दिन के भीतर जांच पूरी करने के निर्देश दें। निजी अस्पतालों की जांच के लिए फायर एनओसी के लिये आवश्यक मापदंडों से सबंधित चेकलिस्ट तैयार करने भी कहा। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान यदि कमियां पाई जाती है तो सम्बंधित अस्पताल को जरूरी सुधार का नोटिस जारी किया जाये। इसके बाद भी अपेक्षित सुधार नहीं होने पर उनका पंजीयन निरस्त करने की कार्यवाही की जाये।

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