भोपाल, (वार्ता) मध्यप्रदेश के चंबल अंचल के मुरैना जिले में विगत 24 घण्टों में 982 व्यक्तियों को बचाव दलों द्वारा बाढ़ से सुरक्षित निकाला गया।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने आज रात यहां बताया कि इसके अलावा 2800 ग्रामीणजनों को सुरक्षित स्थानों पर सुरक्षित तरीके से पहुंचाया गया। मुरैना में 19 राहत कैम्प संचालित किए जा रहे हैं। इसी तरह विगत 24 घण्टों में चंबल के ही भिंड जिले में 30 ग्रामीणजनों को बचाव दलों द्वारा बाढ़ से सुरक्षित निकाला गया। 1200 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ़्ट किया गया। भिंड में 8 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं।
मध्यप्रदेश के मुरैना में चंबल नदी की बाढ़ में फंसे ग्राम मऊखेड़ा के रामलखन और महावीर को आज सेना के हेलीकॉटर की मदद से सुरक्षित निकालकर मुरैना में राहत शिविर में विस्थापित किया गया।
बाढ़ के बीच से सुरक्षित निकलने के बाद उन्होंने कहा कि हमारा गांव कोटा वैराज बांध से पानी छोड़ने पर चंबल की बाढ़ से घिर गया था। कल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हवाई सर्वे किया, उस समय जिला प्रशासन को निर्देश दिये कि बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिये हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराया जायेगा, जिसके तहत मुख्यमंत्री द्वारा हेलीकॉप्टर भेजकर मऊखेड़ा के लगभग 50 लोगों को हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू करके सुरक्षित बाहर निकाला। इन सभी लोगों ने मुख्यमंत्री का तहे दिल से धन्यवाद दिया है।
मुरैना विकासखण्ड के ग्राम मऊखेड़ा निवासी रामलखन और महावीर ने अपनी पीढ़ा बताते हुए कहा कि विगत दो दिन से हमारा गांव पूरी तरह से चंबल नदी में घिर गया था, आने-जाने का रास्ता पूरी तरह बंद था। अब तो पूरे गांव में खाने, पीने के लाले पड़ने लगे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मुरैना जिले का भ्रमण किया। भ्रमण में मऊखेड़ा गांव चंबल के बाढ़ में टापू बना हुआ हवाई सर्वे में दिखा। मुख्यमंत्री ने तत्काल निर्णय लिया कि एक भी व्यक्ति मरना नहीं चाहिये, सभी को रेस्क्यू कर सशुकल निकाला जाये।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुरैना जिला मुख्यालय पर हेलीकॉप्टर आया और कलेक्टर बी.कार्तिकेयन के मार्गदर्शन में मऊखेड़ा के लगभग आधा सैकड़ा महिला, पुरूष, बच्चों को सुरक्षित निकालकर जिला मुख्यालय पर जीवाजीगंज स्थित टाउनहॉल राहत शिविर में विस्थापित किया गया।
रामलखन, महावीर ने मुख्यमंत्री को ह्रदय से धन्यवाद प्रकट करते कहा कि हमारी रक्षा की और हमें मौत के मुंह से सुरक्षित बाहर निकाल लिया।