नयी दिल्ली (वार्ता) भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) का एक्जिम बाजार अबकी बार 3 से 6 सितंबर, 2022 तक दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित राष्ट्रीय शिल्प संग्रहालय एवं हस्तकला अकादमी में लग रहा है।
इस प्रदर्शनी में देशभर से पारंपरिक और समकालीन कला और हस्तशिल्प उत्पाद एक छत के नीचे मिलेंगे।
खास बात यह भी है कि पहली बार पड़ोसी देशों बंगलादेश, भूटान, म्यांमार, नेपाल और श्रीलंका के दस्तकारों को भी आमंत्रित किया गया है।
यह पहल भारत सरकार की ‘पड़ोसी देश प्रथम’ (नेबरहुड फर्स्ट) नीति के अनुरूप की गई है।इस तरह, इन देशों की पारंपरिक हस्तकलाएं भी इस एक्ज़िम बाज़ार की शोभा बढ़ाएंगी।इस चार दिवसीय प्रदर्शनी का उद्घाटन 3 सितंबर, 2022 को सांसद डॉ. सोनल मानसिंह करेंगी।
इस प्रदर्शनी में हिस्सा लेने वाले कुछ दस्तकार और बुनकर तो राष्ट्रीय तथा राज्य स्तर पर पुरस्कृत हैं, जिनके उत्पादों में उनका कौशल, प्रतिभा और तकनीक स्पष्ट दिखलाई पड़ती है।
इस प्रदर्शनी में अन्य के साथ-साथ मधुबनी पेंटिंग, चमड़े की कठपुतली, वारली पेंटिंग, पिछवाई पेंटिंग, पट्टचित्र पेंटिंग, फड़ पेंटिंग, बनारसी सिल्क के कपड़े, लाख की चूड़ियां, कावड़ पेंटिंग, चीनी-मिट्टी के बर्तन, डोकरा कला, टेराकोटा, जामदानी साड़ी, धातु निर्मित कलाकृतियों जैसे कलात्मक उत्पाद प्रदर्शन और बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे।
महामारी के चलते विभिन्न प्रतिबंधों के कारण प्रदर्शनियों में होने वाली बिक्री और खुदरा बिक्री सीमित होने से बहुत से दस्तकारों और ग्रामीण उद्यमों की आय में गिरावट आई है।ऐसे समय में, एक्ज़िम बैंक ने दस्तकारों को डिजाइन, उत्पाद और प्रशिक्षण कार्यशालाओं के जरिए सहायता देना जारी रखा।इन प्रदर्शनियों के दोबारा लगने से इन दस्तकारों को फिर से अच्छा मंच मिल सकेगा और इनकी कलाओं का जादू फिर से बिखरने लगेगा।
एक्ज़िम बैंक द्वारा ‘एक्ज़िम बाज़ार’ व्यक्तिगत स्तर पर काम करने वाले कई दस्तकारों के साथ-साथ सूक्ष्म और ग्रासरूट स्तर के उद्यमों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया जाता है।इस प्रदर्शनी के जरिए दस्तकारों को अपने उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने और अपने ब्रांड को आगे बढ़ाने में मदद मिलती है।इससे इन दस्तकारों का ग्राहकों से सीधे संपर्क स्थापित होता है और भविष्य में बिक्री के नए रास्ते खुलते हैं।
साथ ही, उन्हें उपभोक्ताओं की पसंद को समझने, उद्योग जगत से जुड़ी जानकारियां हासिल करने और नए रुझानों को जानने में भी मदद मिलती है।
एक्ज़िम बैंक अपने ग्रासरूट उद्यम विकास (ग्रिड) और मार्केटिंग सलाहकारी सेवाएं (मास) कार्यक्रम के अंतर्गत दस्तकारों, मास्टर कारीगरों, बुनकरों, क्लस्टरों, स्वयं सहायता समूहों, गैर सरकारी संगठनों, ग्रासरूट और सूक्ष्म उद्यमों को क्षमता विकास के जरिए सहायता प्रदान करता है और भारत तथा विदेशों में आयोजित होने वाले व्यापार मेलों एवं प्रदर्शनियों में हिस्सा लेने में उनकी मदद करता है।
इन कार्यक्रमों के जरिए दी जाने वाली सहायता से दस्तकारों के वित्तीय सशक्तीकरण, रोजगार सृजन और उद्यमिता को बढ़ावा मिला है।
साथ ही, सैकड़ों वर्षों से चले आ रहे पारंपरिक हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों को सहेजने और हस्तकला की पारंपरिक विरासत के पुनरुत्थान के प्रयासों को बढ़ावा मिला है।