नयी दिल्ली, (वार्ता) एशिया-प्रशांत क्षेत्र वर्ष 2022 के लिए दुनिया का सबसे बड़ा हवाई यात्री बाजार का तम्गा खो सकता है।
एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल (एसीआई) के सोमवार को जारी पूर्वानुमानों में यह जानकारी दी गयी।एसीआई ने इसका कारण चीन के सख्त सीमा नियमों का पालन करने और जापान के आंतरिक यात्रा प्रतिबंधों में ढील के प्रति सतर्कता को बताया है।
विमानन उद्योग निकाय ने कहा, “ महामारी से पूर्व कई वर्षों तक नागरिक उड्डयन बाजार पर अपना दबदबा कायम रखने वाले एशिया प्रशांत क्षेत्र का यात्रियों की हिस्सेदारी के मामले में यूरोप के पीछे और उत्तरी अमेरिका के साथ तुलनीय स्तर पर दूसरे स्थान पर रहने का अनुमान है।”
एसीआई के नवीनतम एशिया-प्रशांत क्षेत्र को लेकर पूर्वानुमानों में संकेत दिया गया है कि वर्ष 2022 के अंत तक यात्रियों की संख्या महामारी के पूर्व स्तर के तकरीबन 55 प्रतिशत रह सकती है।
यह अन्य क्षेत्रों के बिल्कुल विपरीत है जहां पुनःबहाली काफी अधिक है और वर्तमान में लगभग 70-80 प्रतिशत के बीच होने का अनुमान है।
एससीआई के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2019 में 3.38 अरब लोगों ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में हवाई यात्रा की थी जो वैश्विक संखाय 9.16 अरब लोगों की 37 प्रतिशत थी।
विमानन क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि के बाद वर्ष 2020 में यह कोरोना महामारी के कारण बुरी तरह से गिर गया।
उद्योग निकाय ने कहा,” एशिया प्रशांत क्षेत्र में वर्ष 2020 में दुनिया भर में महामारी-प्रेरित प्रतिबंधों के कारण केवल 1.57 अरब यात्री देखे गए जो 53 प्रतिशत तक कम है , हालांकि इस में 1.57 अरब लोगों के साथ वैश्विक स्तर पर दबदबा बना रहा क्योंकि यह कुल हवाई यात्री संख्या 3.6 अरब का 44 प्रतिशत था।”
निकाय ने कहा कि इस क्षेत्र में वर्ष 2021 में चार प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1.5 अरब लोगों ने यात्रा की।
इस दौरान में भी यह वैश्विक संख्या 4.6 अरब यात्रियों के 33 प्रतिशत हिस्से के साथ सबसे प्रमुख क्षेत्र रहा।
एसीआई ने एक बयान में कहा,” एशिया प्रशांत क्षेत्र में वर्ष 2022 में एक वर्ष पहले के मुकाबले 22 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है जिसमें यात्रियों की संख्या 1.84 अरब रह सकती है।यह संख्या वैश्विक स्तर पर उसे दूसरे स्थान पर ला सकती है।
अनुमान की संख्या महामारी से पूर्व के स्तर वर्ष 2019 से 45 प्रतिशत कम है।”