देश का मस्तक ऊंचा

 

टोक्यो ओलंपिक और टोक्यो पैराओलंपिक के बाद भारत ने इंग्लैंड की धरती पर क्रिकेट में भी शानदार प्रदर्शन कर देश का मस्तक ऊंचा किया है. विराट कोहली के नेतृत्व में भारतीय टीम ने ओवल टेस्ट में इंग्लैंड को हराकर श्रृंखला में 2-1 से बढ़त हासिल की है.अब एक टेस्ट और खेला जाना है यदि यह टेस्ट भारत हारता भी है तो भी वह श्रृंखला बराबर करेगा और यदि भारत जीतता है तो वह इंग्लैंड को इंग्लैंड की धरती पर हराने का कारनामा अंजाम देगा. यानी टीम इंडिया किसी भी हालत में सीरीज हारने वाली नहीं है. भारतीय टीम की शानदार जीत का कारण टीम के सामूहिक प्रयास हैं. भारत की इस जीत में बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों का योगदान रहा. खास बात यह रही कि ओवल के मैदान पर 50 साल बाद भारत ने जीत दर्ज की है. भारत ने इंग्लैंड को 368 रनों का लक्ष्य दिया था. जिसके जवाब में इंग्लैंड की टीम 210 रनों पर सिमट गई. भारतीय टीम ने ये मैच 157 रनों से अपने नाम कर लिया. भारत की ओर से दूसरी पारी में उमेश यादव ने तीन, बुमराह, जडेजा और शार्दुल ठाकुर ने 2-2 विकेट चटकाये. सीरीज का अंतिम और पांचवा टेस्ट 10 सितंबर से मैनचेस्टर में खेला जाएगा.
सौरव गांगुली और महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में भारतीय टीम ने विजेताओं की तरह खेलना सीखा. इस सिलसिले को और आक्रमक तरीके से आगे बढ़ाया कप्तान विराट कोहली ने. वर्तमान भारतीय क्रिकेट टीम की विशेषता यह है कि हमारे खिलाड़ी अंत तक हार नहीं मानते. नौवें, दसवें और ग्यारहवें नंबर पर भी खिलाड़ी रन बनाते हैं. यहां तक कि अर्धशतक भी लगाते हैं. पहले ऐसा नहीं था. पहले भारतीय टीम तीन या चार खिलाडिय़ों पर निर्भर करती थी. इस टीम की एक और विशेषता है. विराट कोहली और रवि शास्त्री ने देश के तेज गेंदबाजों को प्रोत्साहित किया. पहले भारतीय टीम की गेंदबाजी स्पिनर्स पर टिकी होती थी. भारत ने विनू मांकड, बी चंद्रशेखर, बिशन सिंह बेदी, इरापल्ली प्रसन्ना और अनिल कुंबले जैसे महान स्पिनर दुनिया को दिए हैं, लेकिन वर्तमान टीम अपने तेज गेंदबाजों के बलबूते जीत रही है. सबसे बड़ी बात यह है कि अब टीम किसी एक या दो खिलाड़ी पर निर्भर नहीं है. विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे का फॉर्म इस टेस्ट श्रृंखला में खराब रहा है. इसके बावजूद भारत इंग्लैंड पर बढ़त बनाए हुए हैं. ओवल टेस्ट में रोहित शर्मा मैन ऑफ द मैच रहे. जिन्होंने शानदार 127 रन बनाए, लेकिन शार्दुल ठाकुर, जसप्रीत बुमराह, उमेश यादव और रविंद्र जडेजा के खेल को भी कम नहीं आंकना चाहिए. कुल मिलाकर यह जीत सामूहिक प्रयासों का नतीजा है. भारतीय क्रिकेट में इस समय जो किलिंग इंस्टिंक्ट आई है, वह पहले नहीं थी. निश्चित रूप से इसका श्रेय विराट कोहली को जाएगा. जिनके नेतृत्व में भारतीय टीम ने 38 टेस्ट विजय पाई हैं. विराट कोहली भारत के अब तक के सबसे सफल टेस्ट कप्तान साबित हुए हैं.
भारतीय क्रिकेट में आया यह परिवर्तन एकाएक नहीं आया है.इसके लिए कई वर्षों तक प्रयास करने पड़े हैं. 1983 में विश्वकप की जीत, भारतीय क्रिकेट के लिए मील का पत्थर साबित हुई. उस समय तक भारतीय क्रिकेट मुंबई, दिल्ली मद्रास और बेंगलुरु तक सीमित था, लेकिन 1983 की जीत के बाद भारत को अन्य शहरों से भी खिलाड़ी मिलने लगे. आईपीएल के बाद से तो स्थिति यह हो गई कि आधी से अधिक भारतीय टीम छोटे शहरों के खिलाडिय़ों से बनी हैं. क्रिकेट का आधारभूत ढांचा अब बेहद मजबूत है. यही वजह है कि भारतीय टीम टेस्ट और 20-20 क्रिकेट में विश्व के पहले 3 देशों में शुमार होती है. बहरहाल, भारतीय क्रिकेट टीम को ओवल टेस्ट जीतने के लिए बधाई.

नव भारत न्यूज

Next Post

रज्जाक प्रकरण: 2 और शस्त्र लाइसेंस हुए निरस्त

Wed Sep 8 , 2021
भाई-भांजे के नाम से कटनी से जारी हुए थे लाइसेंस जबलपुर:  देशी-विदेशी हथियारों के साथ गिरफ्तार किए गए हिस्ट्रीशीटर अब्दुल रज्जाक उर्फ पहलवान के भाई मोह. अब्बास एवं भांजे भांजे रफीकउद्दीन के नाम से जिला कटनी से जारी 2 और शस्त्र लायसेंसों को कटनी कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने निरस्त करते […]

You May Like